आकाश द्विवेदी/भोपालः  मध्य प्रदेश में करीब 26 हजार शिक्षकों के तबादले के बाद प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था बिगड़ गई है. प्रदेश में वर्तमान में 2357 स्कूल शिक्षक विहीन और 8307 एक शिक्षकीय स्कूल हैं. ऐसी स्थिति में अब आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय ने ऐसे विद्यालयों में शैक्षणिक व्यवस्था के लिए संयुक्त संचालक व जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किये हैं.


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ट्रांसफर नीति से शालाओं में आई कमी
लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी संभागीय संयुक्त संचालक और जिला शिक्षा अधिकारियों को स्थानांतरण नीति 2022 के तहत अतिशेष शिक्षकों का चिन्हांकन और प्रशासकीय ट्रांसफर के संबंध में निर्देश जारी किया. इसमें कहा गया है कि स्थानांतरण में 43118 ऑनलाइन आवेदन के विरुद्ध 25905 ट्रांसफर किए गए हैं. निर्देश में लोक शिक्षण आयुक्त ने कहा है कि स्थानांतरण प्रक्रिया से शिक्षक विहीन शालाओं एवं एक शिक्षकीय शालाओं की संख्या में क्रमश: 103 एवं 1154 की कमी आई है. जबकि वर्तमान में 2357 शिक्षक विहीन एवं 8307 एक शिक्षकीय शालायें विद्यमान हैं.


अतिथि शिक्षकों की होगी नियुक्ति
आयुक्त की ओर से दिए निर्देश में कहा गया है कि ऐसी सभी शालाएं जहां शिक्षकों की अत्यधिक कमी है अथवा स्थानांतरण के द्वारा शिक्षक के पद रिक्त हुए हैं, ऐसे सभी स्थानों पर प्राथमिकता के आधार पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जाए, ताकि शिक्षण व्यवस्था प्रभावित न हो, निर्देश में कहा गया ऐसी सभी शालाएं जहां हाल ही में स्थानांतरण के माध्यम से पदस्थापना की गई है, उन स्थानों पर यदि पूर्व से अधिक शिक्षक कार्यरत रहे हैं तो उन्हें तत्काल कार्यमुक्त किया जाए.


इन स्कूलों को किया जाएगा संयुक्त रूप से संचालित
शून्य नामांकन वाली शालाओं में पदस्थ शिक्षकों को निकटतम शिक्षक विहीन अथवा एक शिक्षकीय शालाओं में पदस्थ करने संबंधी कार्रवाई स्थानांतरण नीति के आधार पर की जाए. शून्य नामांकन वाली सभी शालाओं का सेटअप ब्लॉक किया जाए, ताकि ऐसी शालाओं में स्वैच्छिक या प्रशासकीय स्थानांतरण के माध्यम से पदस्थापना न हो सके. शिक्षक विहीन ऐसी शालाएं जिनमें नामांकन 20 से कम है, उनको उसी ग्राम या बसाहट पर अथवा एक किलोमीटर के दायरे में संचालित अन्य माध्यमिक, प्राथमिक शाला में संचालित किया जाएगा. एक शिक्षकीय अधिक नामांकन वाली प्राथमिक, माध्यमिक शालाओं के संबंध में यह परीक्षण किया जाए की क्या उसी ग्राम, बसाहट पर अन्य प्राथमिक, माध्यमिक शाला संचालित है. यदि ऐसी स्थिति है तो इन शालाओं को सत्रांत तक के लिए संयुक्त रूप से संचालित किया जाए.


जानिए क्या कहा लोक शिक्षण आयुक्त ने
लोक शिक्षण आयुक्त ने कहा है कि जिन शिक्षक विहीन, एक शिक्षकीय, अत्यधिक न्यून शिक्षकों वाली शालाओं में कार्यवाही संभव न हो तो ऐसी स्थिति में संकुल अंतर्गत अन्य शालाओं से जहां पर्याप्त अथवा अधिक संख्या में शिक्षक पदस्थ हैं, वहां शैक्षणिक व्यवस्था के माध्यम से स्थानांतरण नीति के आधार पर की जाए. यह भी कहा गया कि एक ही ग्राम में न्यून शिक्षकों वाली माध्यमिक शाला और हाई स्कूल, हायर सेकेंडरी शालाओं के संचालन की स्थिति में शिक्षकों की कमी होने पर माध्यमिक शाला तथा हायर सेकेंडरी, हाई स्कूल शालाओं को सत्रांत तक के लिए संयुक्त रूप से संचालित किया जाए.


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