प्रिया पांडे/भोपाल: मध्य प्रदेश की राजनीति में अगले कुछ महीने बेहद अहम रहने वाले हैं. साल के अंत तक सभी 230 सीटों पर विधानसभा चुनाव होना है. चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक पार्टियां बड़े-बड़े दांव खेलने और प्रदेश की जनता के साथ-साथ पार्टी के कार्यकर्ताओं को खुश करने में भी जुटी हुई हैं. यही कारण है कि अब देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं के लिए बड़ा फैसला है. कांग्रेस के इस फैसले पर राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसा है. 


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कांग्रेस बनाएगी कार्यकर्ताओं का पहचान पत्र
चुनावी साल में कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं को पहचान पत्र देने का फैसला लिया है. मंडल,सेक्टर और बूथ स्तर के सभी अध्यक्षों और जिम्मेदारों के लिए पहचान पत्र बनाया जाएगा. इसके अलावा बूथ स्तर के पदाधिकारियों को भी पहचान पत्र दिया जाएगा. 


गेट पास का काम करेगा यह पत्र
इस पहचान पत्र में कांग्रेस पदाधिकारियों का पद, नाम, स्थान समेत कई जानकारियां दी जाएंगी. इसके अलावा कांग्रेस का दावा है कि अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो यह पहचान पत्र CM हाउस में एंट्री के लिए गेट पास की तरह भी काम करेगा. यानी कार्यकर्ताओं को CM हाउस में एंट्री के लिए अलग से पहचान पत्र नहीं बनवाना पड़ेगा. 


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नरोत्तम मिश्रा ने कसा तंज 
प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस के इस फैसले पर तंज कसा है. उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पहचान पत्र देने पर कहा कि कांग्रेस में उम्रदराज नेता हैं. दोनों ही 75 पार कर गए हैं. कार्यकर्ताओं को नाम से पहचान नहीं पाते इसीलिए शायद पहचान पत्र जारी करने की जरूरत पड़ रही है.


कमलनाथ ने BJP पर साधा निशाना
MP PCC चीफ कमलनाथ ने BJP पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट किया- कर्नाटक चुनाव में बुरी तरह हार के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता अपना संतुलन खो बैठे हैं. मध्य प्रदेश में 18 साल की सरकार के दौरान BJP ने जनता के लिए कोई काम नहीं किया इसलिए अब चुनाव से पहले मध्य प्रदेश BJP के नेता एक से बढ़कर एक असंगत बयान दे रहे हैं. इन बयानों का एकमात्र मकसद मध्य प्रदेश की जनता का ध्यान भटकाना है.


लेकिन BJP को स्पष्ट समझ लेना चाहिए कि मध्य प्रदेश की जनता बहुत समझदार है और वह भटकाने की राजनीति में फंसने वाली नहीं है. प्रदेश की जनता अब बयान नहीं सुनना चाहती, बल्कि BJP सरकार से काम का हिसाब मांग रही है. बेहतर होगा कि शिवराज सरकार बयानबाजी छोड़कर, प्रदेश से किए गए अन्याय के लिए प्रायश्चित शुरू करे.