MP Politics: मध्य प्रदेश में कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष केके मिश्रा ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की है. उन्होंने अपना इस्तीफा देने की बात ऐसे वक्त में कही है, जब पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने आज ही युवाओं को ज्यादा से ज्यादा मौका देने की बात कही थी. हालांकि केके मिश्रा का कहना है वह केवल पद से इस्तीफा देना चाहते हैं, लेकिन पार्टी के लिए लगातार काम करते रहेंगे. जबकि इस मामले को बीजेपी ने कांग्रेस की गुटबाजी से जोड़ा है. 


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केके मिश्रा ने की इस्तीफे की पेशकश 


मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी में मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने पीसीसी चीफ जीतू पटवारी से अपना पद छोड़ने के इस्तीफे की पेशकश की है. उनका कहना है कि पिछले 18 सालों से वह मीडिया विभाग के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. इसलिए उनकी इच्छा है कि मीडिया विभाग में किसी नए नेता को जिम्मेदारी मिलनी चाहिए. युवाओं को अवसर मिले इसलिए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने की बात कही है. हालांकि अब तक केके मिश्रा का इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है. 


केके मिश्रा ने सफाई भी दी 


वहीं केके मिश्रा ने मीडिया विभाग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी तो सियासी गलियारों में उनके कांग्रेस छोड़ने की भी चर्चा उठ गई. ऐसे में उन्होंने इस मामले में पहले ही सफाई दी. केके मिश्रा का कहना है कि वह केवल मीडिया विभाग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना चाहते हैं, क्योंकि कांग्रेस को छोड़ना तो वह जीते जी सोच भी नहीं सकते हैं. क्योंकि मुझे बीजेपी के ED और IT से कोई डर नहीं है. इसलिए कांग्रेस के लिए काम करता रहूंगा. ' बता दें कि केके मिश्रा कांग्रेस के पुराने नेता हैं और लंबे समय से संगठन में जुड़े हैं. उन्हें पूर्व सीएम कमलनाथ का करीबी माना जाता है. 


जीतू पटवारी ने कही थी अनुशासन में रहने की बात 


बता दें कि जीतू पटवारी ने प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद से अब तक अपनी टीम का ऐलान नहीं किया है. लेकिन सोमवार को उन्होंने इस मामले में बड़ा बयान दिया था. जीतू पटवारी ने कहा था जल्द ही नई टीम सामने आएगी, जिसमें युवाओं को भी पर्याप्त मौका दिया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा था कि काम करने वाले नेताओं को मौका दिया जाएगा. इसके अलावा पटवारी ने कांग्रेस नेताओं को अनुशासन में रहने की बात भी कही थी. 


बीजेपी ने गुटबाजी से जोड़ा मामला


वहीं पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के अपनी ही पार्टी के दिग्गज नेताओं को चेतावनी देने पर और नेताओं को अनुशासन में रहने के मुद्दे पर बीजेपी ने पूरे मामले को कांग्रेस की गुटबाजी से जोड़ दिया. बीजेपी प्रवक्ता मिलन भार्गव ने मामले में कहा कि पटवारी नेताओं को डरा धमका कर काम करवाना चाहते हैं, जो खुद कहते थे कि पार्टी जाए तेल लेने. अब उन्हीं के पदचिन्हों पर उनके कार्यकर्ता चल रहे हैं तो पटवारी को बुरा लग रहा है. लेकिन इन मामलों से कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है, जो खत्म होने का नाम नहीं ले रही. 


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