MP Election 2023: सतना में राहुल गांधी ने BJP पर साधा निशाना, जाति जनगणना समेत की ये 5 बड़ी बातें
Rahul Gandhi visit MP: विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और बीजेपी के दिग्गज नेता लगातार ही रैलियां कर रहे हैं. वहीं इसी कड़ी में आज कांग्रेस के नेता राहुल गांधी सतना पहुंचे. यहां उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया.
Rahul Gandhi visit MP: विधानसभा चुनाव (mp chunav 2023) के लिए कांग्रेस और बीजेपी के दिग्गज नेता लगातार ही रैलियां कर रहे हैं. वहीं इसी कड़ी में आज कांग्रेस के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) सतना पहुंचे. यहां उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया. जिसमें उन्होंने कई बातों का जिक्र करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा.
भारत जोड़ो यात्रा का किया जिक्र
सतना पहुंचे राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि बारिश गर्मी में हजारों लोग एक साथ यात्रा में चले. युवाओं किसानों से मिला. युवा से मिलता था तो सवाल पूछता क्या पढे हो और क्या कर रहे हो. जवाब मिलता था कि इंजीनियरिंग पढ़ी, मेडिकल पढ़ा. हम तो बेरोजगार है. कुली का उदाहरण देकर भी राहुल ने सुनाई बात.
युवाओं को लेकर क्या कहा ?
राहुल गांधी ने युवाओं को लेकर कहा कि लाखों युवाओं में कोई कमी नहीं है. उनमें समझ हैं, उर्जा है, लेकिन रोजगार नहीं है. रोजगार छोटे और लघु उद्योग चलाने वाले लोग देते थे. ये छोटे-छोटे यूनिट वाले लोग देते हैं. बीजेपी ने इन छोटे बिजनेस को खत्म कर दिया है.
ओबीसी का मुद्दा उठाया?
राहुल गांधी ने कहा कि ओबीसी की सरकार चल रही है. एमपी और दिल्ली सरकार आईएएस चलाते हैं. मैंने सवाल पूछा 53 सेकेट्ररी चलाते हैं. ओबीसी की सरकरा अगर चल रही है तो 53 में एक अफसर ओबीसी बस? एमपी का बजट 100 रु. का है तो 33 पैसे लेता है. आबादी 50 फीसदी और पैसा 33. कौन सी ओबीसी की सरकार है? इसलिए पीएम मोदी कहते है यहां एक ही जाति है गरीब. आपकी आबादी 50 फीसदी और भागीदारी.
जाति जनगणना करवाई जाएगी
राहुल गांधी ने कहा कि पूरे देश में 50 प्रतिशत लोग ओबीसी जाति के हो सकते हैं. ऐसे में उनकी भागीदारी मात्र 0.3% ही है. ये आंकड़े देश के पीएम और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा लोगों को नहीं बताई जा रहे है. राहुल ने कहा कि कांग्रेस की सरकार आते ही जातिगत जनगणना करवाई जाएगी. राहुल गांधी ने कहा की जाति गणना देश का एक्स रे है.
किसान आत्महत्या पर कही बड़ी बात
राहुल गांधी ने किसान आत्महत्या को लेकर कहा कि कर्ज के कारण 18 हजार किसानों ने आत्महत्या की है. एमपी में किसानों को असली रेट मिलता ही नहीं है. यहां किसानों को जमीन के दाम ही नहीं मालूम है.