विमलेश मिश्रा/मंडला: मध्यप्रदेश में वानिकी अनुसंधान (Forestry Research in Madhya Pradesh)  के 100 वर्ष और कान्हा टाइगर रिजर्व के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 27 से 29 अप्रैल तक कान्हा टाइगर रिजर्व (Kanha Tiger Reserve) में 3 दिवसीय 'इंटरनेशनल वाईल्ड लाईफ कॉन्फ्रेंन्स’ समापन हुआ. इस कांफ्रेंस में देश के 28 प्रदेशों सहित अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, यूरोप आदि देशों के करीब 200 वन विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया. राज्य वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर के नेतृत्व में वन्य प्राणी प्रबंधन, संरक्षण एवं पुनर्वास आदि विषयों पर मंथन हुआ. इस तीन दिवसीय कार्यशाला से निकले सुझावों को केंद्र सरकार की अनुशंसा हेतु भेज जाएगा और फिर योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा.


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समापन अवसर पर राज्य के वन मंत्री विजय शाह, पीसीसीएफ वन्य जीव जेएस चौहान, निदेशक राज्य वन अनुसंधान अमिताभ अग्निहोत्री व सेवानिवृत्त प्रधान मुख्य वन रमेश गुप्ता सहित अन्य सभी वन्य प्राणी विशेषज्ञ उपस्थित थे. अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला के समापन पर जहां वन मंत्री ने कहा कि कार्यशाला सार्थक है और इससे निकले निष्कर्ष निश्चित रूप से आने वाले समय में वन एवं वन प्रबंधन के नए आयाम स्थापित करेंगे. वहीं सेवानिवृत्त प्रधान मुख्य वन रमेश गुप्ता ने कहा कि इससे होने वाले लाभ इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के ऐसे विषयों पर मंथन में जो गैप है. वह बहुत गलत है. यदि इस प्रकार का सम्मेलन 40 वर्ष नहीं, 5 या 10 वर्ष के अंतराल में होता है तो अधिक लाभकारी होगा. वहीं पूर्व निदेशक एवं वन्य जीव संस्थान के डीन गोपाल रावत का कहना है कि आने वाले समय में वन, वन्य जीवन की दिशा में और इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के वन प्रबंधन से मुझे बहुत लाभ होगा.


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वन मंत्री ने आज दो बड़ी घोषणाएं कीं
वहीं आज कान्हा राष्ट्रीय उद्यान पहुंचे प्रदेश के वन मंत्री कुंवर विजय शाह ने आज दो बड़ी घोषणाएं की. मंत्री ने प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों में साल के एक दिन बुधवार को जब पार्क हाफ डे रहता है तो साल के एक दिन पार्क डे मनाने की घोषणा की. दूसरी घोषणा की कि प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों में अब सेना के अग्निवीरों की तरह वन वीरों की भर्ती की जाएगी. मंत्री ने कहा कि जहां पार्क डे के अवसर पर स्थानीय छोटे कर्मचारी, श्रमिकों, वाहन चालकों आदि के परिजनों को न केवल फ्री में जंगल की सफारी कराई जाएगी, बल्कि परिजनों के साथ रात्रि भोज, सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर परिजनों को सम्मानित किया जाएगा. वहीं अग्नि वीरों की तरह स्थानीय युवाओं की भर्ती वन वीर के रूप में की जाएगी. जिन्हें आगे जाकर बीट गार्ड, नाकेदार आदि की निकलने वाली भर्तियों के माध्यम से वन विभाग में भर्ती दी जाएगी. इन घोषणाओं के पीछे मंत्री का तर्क है कि जहां ऐसे में गरीब कर्मचारियों के परिजनों का टाइगर सफारी का सपना पूरा होगा. वहीं स्थानीय युवाओं की भर्ती से वनों और पार्कों का प्रबंधन और देख-रेख आसानी से होगा