मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षक लंबे समय से नियमितिकरण की मांग कर रहे हैं. हाल ही में अतिथि शिक्षकों ने भोपाल में आंदोलन भी किया था. खास बात यह है कि कुछ मांगों पर सहमति भी बन गई थी. जिसके बाद आंदोलन भी वापस ले लिया था. लेकिन अतिथि शिक्षकों की नियमितिकरण की मांग पूरी होती फिलहाल नजर नहीं आ रही है. क्योंकि स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के बयान से राजनीति गर्माती नजर आ रही है. वहीं अब इस मामले में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने भी बीजेपी पर निशाना साधा है. 


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मंत्री उदय प्रताप का बयान 


दरअसल, मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह से जब अतिथि शिक्षकों के नियमितिकरण को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा 'नियमितिकरण क्यों होगा? अतिथि शिक्षकों का नाम क्या है 'अतिथि', आप हमारे मेहमान बनकर आओगे तो घर पर कब्जा करोंगे क्या?' उनके इस बयान से यह स्पष्ट है कि फिलहाल नियमितिकरण के मामले पर सरकार कोई कदम नहीं उठाने वाली है. 
हां गैप है होता और शिक्षक कम होते हैं, वहां पर अतिथि शिक्षकों को लगाया जाता है. पिछले दिनों भी अतिथि शिक्षकों के साथ बैठक हुई थी, उसमें उनके कुछ विषय थे, जिस पर काम किया जा रहा है. उनके हितों की रक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.'


अतिथि शिक्षकों की नियमितिकरण की मांग 


मध्य प्रदेश में आठ हजार से ज्यादा अतिथि शिक्षक नियमितिकरण की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा उनकी चार और मांगें हैं. जिसको लेकर अतिथि शिक्षक आंदोलन भी कर रहे हैं. 10 सितंबर को भी भोपाल में अतिथि शिक्षकों ने तिरंगा यात्रा निकालकर प्रदर्शन किया था. इसके बाद अतिथि शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से मिला था. जिसके बाद आठ मांगों पर सहमति भी बन गई थी. 


हालांकि मंत्री उदय प्रताप सिंह ने फिलहाल नियमितिकरण को लेकर कहा है कि शिक्षकों की कमी को लगातार पूरा किया जा रहा है, ऐसे में अतिथि शिक्षक क्यों भर्ती करेंगे? क्योंकि भर्ती कर लिया तो फिर सैलरी कहा से देंगे. सरकार को विभाग चलाने के लिए सभी चीजों का समायोजन करना पड़ता है, चाहे वह शिक्षक हो या अतिथि शिक्षक हों. हम लगातार शिक्षकों की पूर्ती को लेकर काम कर रहे हैं. 


जीतू पटवारी ने साधा निशाना 


स्कूल शिक्षा मंत्री के बयान पर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि व्यवस्था के अंतर्गत अतिथि शिक्षकों रखा जाता है, वह सेवाएं भी देते हैं, लेकिन आप सेवा तो लेना चाहते हैं, लेकिन बाद में उन्हें अपमानित करते हैं. स्कूल शिक्षामंत्री का बयान पूरे मंत्रिमंडल की जिम्मेदारी हैं, इसलिए उन्हें  माफी मांगनी चाहिए.' बता दें कि हाल ही में अथिति शिक्षकों के आंदोलन को कांग्रेस ने भी समर्थन दिया था. 


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