आकाश द्विवेदी/भोपालः मध्य प्रदेश में भारी बारिश के बाद कई जिलों में हालात चिंताजनक हो गए हैं. प्रदेश की नदियां उफान पर हैं. ऐसे में प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आपदा प्रबंधन की समीक्षा की. जिसके बाद गृहमंत्री ने बताया कि 1070 और 1079, दो टोल फ्री नंबर जारी किए गए हैं. साथ ही 96 क्विक रिस्पांस टीम काम कर रही हैं. 


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गृहमंत्री ने बताया कि आपात स्थिति के लिए 19 रिजर्व भी रखी गई हैं. साथ ही सभी 52 जिलों में इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (ECO) स्थापित किए गए हैं. सभी जिलों में स्टेट डिजास्टर इमरजेंसी रिस्पांस फोर्स की टीमें भी आवश्यक उपकरणों के साथ तैनात की गई है. स्टेट कमांड सेंटर से निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है. डिजास्टर वार्निंग एंड रिस्पांस सिस्टम के द्वारा जानकारियां इकट्ठा कर प्रबंधन के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. 


जिला स्तर पर बाढ़ आपदा संभावित स्थानों को देखते हुए प्रदेश स्तर पर कुल 280 डिजास्टर रिस्पांस सेंटर का गठन किया गया है. बता दें कि प्रदेश के कई जिलों में बीते दो दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है, जिसके चलते नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. बुरहानपुर में ताप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने से घाटों और नदी के किनारों पर रहने वाले लोगों अलर्ट किया गया है. 


छिंदवाड़ा में कन्हान नदी उफान पर है. जिसके चलते रोमाकोना में गहरानाला पुल के ऊपर से नदी का पानी बह रहा है. इसके चलते छिंदवाड़ा नागपुर नेशनल हाईवे बंद हो गया है. भोपाल में भी भारी बारिश के चलते यहां आने वाली तीन फ्लाइट आज इंदौर में लैंड करानी पड़ी. 


नर्मदापुरम में तवा डैम का जलस्तर 3 फीट तक बढ़ गया है. नर्मदा नदी के जलस्तर में भी दो से ढाई फीट की बढ़त हुई है. भारी बारिश और बाढ़ की आशंका को देखते हुए स्कूलों में छुट्टियां कर दी गई हैं. रायसेन में बेतवा नदी भी उफान पर है. खरगोन में बोराड़ नदी में उफान आने से खंडवा बड़ौदा स्टेट हाईवे बंद हो गया है.