Narmada River: मध्य प्रदेश में झमाझम बारिश का सिलसिला जारी है. आलम यह है कि भारी बरसात के बाद शुक्रवार की सुबह प्रदेश के 6 अलग-अलग बांधों के गेट खोल दिए गए है, क्योंकि लगातार बारिश की वजह से बांध ओवरफ्लो होने लगे थे. इसके अलावा लगातार बारिश से नदियों का जलस्तर भी बढ़ रहा है, नर्मदा नदी और बेतवा नदी को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है. लोगों से अपील की गई है कि नदी की तरफ बिल्कुल न जाए, क्योंकि नर्मदा नदी कई जिलों में खतरे के निशान से ऊपर बहर रही है, जबकि मौसम विभाग ने आगे भी बारिश होने की संभावना जताई है. ऐसे में लोगों से विशेष सावधानी बरतने की अपील प्रशासन ने की है. 


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डैमों के खोले जा रहे गेट 


मध्य प्रदेश में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी है. ऐसे में डैमों के गेट एहतियात के तौर पर खोले जा रहे हैं. लेकिन बांधों से पानी छोड़ जाने की वजह से कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो सकती है. ऐसे निचली बस्तियों को लेकर सभी जिलों के कलेक्टरों को भी आदेश दिए गए हैं. जिन डैमों के गेट खोले गए हैं उनमें. 


  • बरगी डैम के 7 गेट खोले गए हैं 

  • भदभदा डैम के 4 गेट खोले गए हैं. 

  • कलियासोत डैम के 3 गेट खोले गए हैं. 

  • कोलार डैम के 5 गेट खोल दिए गए हैं

  • तवा डैम के भी 5 गेट खोल दिए गए हैं. 

  • राजघाट डैम के 8 गेट खोले गए हैं. 


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नर्मदा किनारे नहीं जाने की चेतावनी 


बारिश के चलते नर्मदा नदी और बेतवा नदी का जलस्तर बढ़ गया है. ऐसे में नदी किनारे नहीं जाने का अलर्ट है, नर्मदा पर बने बरगी बांध के सात गेट पहले से खुले हुए हैं, जबकि बारिश के चलते एक्स्ट्रा गेट भी खोले जा सकते हैं, ऐसे में नर्मदा किनारे न जाने की चेतावनी जारी कर दी गई है. वहीं विदिशा जिले में बेतवा नदी उफान पर है, कुछ निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. बेतवा नदी का पानी हलाली डैम में भी जाएगा, जिससे आज शाम तक हलाली डैम के गेट भी खोले जा सकते हैं. 


24 घंटे से भारी बारिश जारी 


मध्य प्रदेश में पिछले 24 घंटे से भारी बारिश का दौर जारी है. कई जिलों में सामान्य से ज्यादा पानी गिर गया है, वहीं बारिश के बाद स्कूलों और आंगनबाड़ियों की कई जिलों में छुटी कर दी गई है. ताकि बच्चों को परेशानियां न हो. मौसम विभाग के मुताबिक मध्य प्रदेश में 21 जून के बाद मानसून पूरी तरह से एक्टिव हो गया था. लेकिन पिछले 40 दिनों में ही सीजन की आधी से ज्यादा बारिश हो चुकी है, जबकि अभी अगस्त और सितंबर के महीना बाकि है. मौसम विभाग का कहना है कि इस बार प्रदेस में औसत से कही ज्यादा बारिश की संभावना बन रही है. 


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