MP News: नकलची छात्रों की अब नहीं होगी नैया पार! परीक्षा कक्ष में लगेंगे CCTV, दिए गए ये बड़े निर्देश
CCTV Cameras in Examination Centers In Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कॉलेज में नकल रोकने के लिए कई अहम निर्देश दिए हैं.जिसमें महाविद्यालय के हर कक्ष में सीसीटीवी कैमरा को लगाना भी शामिल है.
प्रमोद शर्मा/भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने एक ऐसा कदम उठाया है.जिससे जिन छात्रों नकल के भरोसे परीक्षा को पास करना चाहते हैं.अब उनकी दाल नहीं गलने वाली है.दरअसल मध्य प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग ने नकल को रोकने के लिए अब तक का सबसे ठोस कदम उठाया है. परीक्षा में नकल रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे.राज्य भर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के सभी परीक्षा केंद्रों के हर कमरे में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे.
दरअसल, परीक्षा संचालन में पारदर्शिता के लिए परीक्षा केंद्रों के प्रत्येक कक्ष में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही संलग्न शिक्षकों को लेकर भी एक बड़ा फैसला किया गया है. अब परीक्षा केंद्रों पर पर्यवेक्षण कार्य में लगे शिक्षकों की ड्यूटी लगातार बदली जाएगी.
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शिक्षकों की ड्यूटी के लिए दिए गए ये निर्देश
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव (Higher Education Minister Dr. Mohan Yadav) ने निर्देश दिए है कि जिला एवं तहसील मुख्यालयों पर स्थित महाविद्यालयों में पदस्थ शिक्षकों की कॉपी चेकिंग कार्य के लिए ड्यूटी एक महाविद्यालय से दूसरे महाविद्यालय में लगाई जाए. साथ ही किसी वर्ष यदि किसी शिक्षक की ड्यूटी किसी महाविद्यालय में लगाई जाती है तो आगामी वर्ष उसी महाविद्यालय में उनकी ड्यूटी पुन: न लगाई जाकर अन्य महाविद्यालय में लगाई जाना सुनिश्चित हो.
मंत्री यादव ने यह भी निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर रिवेन्यू एवं पुलिस डिपार्टमेंट (Revenue and Police Department) से संबंधित एग्जीक्यूटिव ऑफिसर्स की ड्यूटी भी लगाई जाए. उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्रों पर नकल से जुड़े मामलों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी जाहिए.साथ ही उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा जिला स्तर पर भी पर्याप्त संख्या में उड़न दस्ते गठित करने के निर्देश दिए हैं.
अनुदान प्राप्त महाविद्यालय के लिए भी ये नियम
साथ ही आदेश दिए गए हैं कि अनुदान प्राप्त महाविद्यालय में स्थापित परीक्षा केन्द्रों में पर्यवेक्षक का कार्य शासकीय महाविद्यालय के शिक्षकों से ही कराया जाए.