Damoh News: मध्य प्रदेश के दमोह से एक बड़ी खबर सामने आ रही है . जहां जिला कलेक्टर को  NCPCR आयोग ने एक नोटिस जारी की है. नोटिस में कलेक्टर को आयोग ने 18 अप्रैल को ऑफिस में उपस्थित रहने की बात कही है.  बता दें कि पहले भी कई बार इस मामले में कलेक्टर को नोटिस जारी किया था. पर उनके तरफ से कोई भी एक्शन नहीं लिया गया था. वहीं इस बार आयोग ने सख्त रवैय्या अपनाते हुए निर्देश दिया है कि अगर कलेक्टर उपस्थित नहीं हुए तो, उनके खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है. आयोग ने ये नोटिस क्यों जारी किया है आइए जानते हैं. 


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NCPCR आयोग ने जारी किया नोटिस
दमोह कलेक्टर को राष्ट्रीय बाल सरंक्षण NCPCR आयोग के अध्यक्ष प्रिंयक कानूनगो ने नोटिस जारी की है. उन्होंने बताया है कि  साल 2022 में दमोह में ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित दो बालगृहों पर छापा मारा गया था. वहां धर्मांतरण व चाइल्ड ट्रेफेकिंग जैसी अनियमितताएं पाई गई थी. इस जांच में बच्चों की तश्करी को गंभीर मानते हुए आयोग ने पुलिस में FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए थे लेकिन आज तक मामला दर्ज नहीं हो पाया. नोटिस में कहा गया है कि इस साल के शुरुआत से ही दमोह जिला प्रशासन को कई बार पत्र लिखकर कार्रवाई के लिए कहा गया था. लेकिन कलेक्टर ने इसे गंभीरता से नहीं लिया था. ऐसे में अब आयोग ने अब सख्त कदम उठाते हुए कलेक्टर सुधीर कोचर को इस मामले में अब तक हुई पूरी कार्रवाई की रिपोर्ट के साथ खुद उपस्थित रहने के लिए कहा है. 


पहले भी जारी हो चुका है नोटिस 
 साल 2022 में भी NCPCR आयोग ने धर्मांतरण के मामले में हुई जांच पर सवाल उठाए थे. उस समय दमोह के कलेक्टर एसकृष्ण चैतन्य नोटिस जारी किया गया था. आयोग ने नोटिस में लिखा था कि 5 दिसंबर 2022 को ईसाई मिशनरी के संस्थानों के निरीक्षण के बाद बाल गृह में गैरकानूनी प्रथाएं पाई गई थीं. मामले में 14 दिसंबर 2022 को कलेक्टर कार्यालय की तरफ से आयोग को कार्रवाई संबंधी रिपोर्ट भेजी गई थी. आयोग ने उस कार्रवाई रिपोर्ट पर कई खामियां निकाली थी और कलेक्टर  से जवाब मांगा था. लेकिन कलेक्टर  ने उसे गंभीरता से नहीं लिया था.


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 NCPCR आयोग द्वारा निकाली गई खामियां 


न का रखा उपवासपहली खामियां ये थी कि कलेक्टर कार्यालय को दी गई जानकारी में कोई दस्तावेज नहीं हैं.  जिन्हें आयोग के पत्र में प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था. 


 बालगृहों के बच्चों के बयान के अनुसार वे जन्म से ईसाई धर्म का पालन कर रहे थे. इस बयान के समर्थन में भी कोई दस्तावेज नहीं मिले थे. साथ ही उन बच्चों और उनके माता-पिता के अनुसूचित जाति से होने के बारे में कोई जानकारी आयोग को नहीं मिला थी. 
NCPCR आयोग द्वारा जारी किए नोटिस में बिन्दु नंबर 12 के तहत दिए गए निर्देश के संबंध में कोई अनुपालन रिपोर्ट और आदेश आयोग को नहीं मिले थे. 
इसी तरह NCPCR आयोग को धर्मांतरण मामले में की जांच के लिए गठित समिति का समर्थन करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं मिले थे. जबकि आयोग ने अपने पत्र में बिंदु 14 के अनुपालन में होने का दावा किया था.