MP News: प्रमोद शर्मा/भोपाल। कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस विधायक ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कांग्रेस के सरकार में आने पर विधायकों के दलबदल के मुद्दे पर संविधान में संशोधन करने की बात कही है. जिससे प्रदेश की सियासत गर्मा गई है. कांग्रेस विधायक के बयान पर बीजेपी ने विरोध जताया है. बीजेपी का कहना है कि संविधान निर्माता बाबा साहब का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. 


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सज्जन सिंह वर्मा ने दिया बड़ा बयान 
कमलनाथ के करीबी माने जाने वाले कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने बड़ा बयान दिया. उनका कहना है कि  ''दूध का जला छाज को भी फूंक कर पीता है, एक बड़ी संख्या में लगभग 27 विधायक कांग्रेस छोड़कर गये है, लेकिन अगर संविधान में प्रावधान होता कि जीता हुआ विधायक पार्टी छोड़ता है तो उसकी संपत्ति राजसात होगी या पांच साल के लिए चुनाव नहीं लड़ पायेगा तो ऐसा नहीं होता. सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि कांग्रेस रणनीति बना रही है कि हम सत्ता में आते ही संविधान संशोधन का अमिडमेंट लेकर आएंगे. ताकि विधायक इस तरह से दलबदल न करे पाए.''


बीजेपी ने किया पलटवार 
सज्जन सिंह वर्मा के इस बयान के बाद बीजेपी ने तुरंत उन पर पलटवार किया. बीजेपी विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने कहा कि ''बाबा साहब को चुनाव हराने वाली कांग्रेस, बोस को देश से बाहर भेजने वाली कांग्रेस संविधान संशोधन के सपने साकार नहीं होंगे देंगे. कांग्रेस बाबा साहब की विरोधी है. हम बाबा साहब का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे, कांग्रेस की इस सोच को ही खत्म कर देंगे.'' वहीं बीजेपी प्रवक्ता हितेश वाजपेयी ने कहा कि बाबा साहब की हितेषी बनने का ढोंग करने वाली कांग्रेस की हकीकत यही है. भाजपा कांग्रेस की संविधान संशोधन की सोच को साकार नहीं होने देगी.''


कांग्रेस विधायक ने इस वजह से दिया बयान 
दरअसल, कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने संविधान में संशोधन करने की बात विधायकों के लिए कही है. उनका कहना है कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद विधायकों के दलबदल को लेकर संविधान में संशोधन कराने के लिए कहेंगे. ताकि चुना हुआ जनप्रतिनिधि आसानी से दलबदल न कर सकें. सज्जन सिंह वर्मा कांग्रेस बड़े नेता है और कमलनाथ के करीबी ओर कांग्रेस में दखल रखते है. 


दलबदल से गिरी थी कमलनाथ सरकार 
बता दें कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार दलबदल की वजह से गिरी थी. ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस के 22 विधायकों ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. जिससे कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई और कमलनाथ ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. वहीं बाद में भी कई विधायकों ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया था. जिससे यह मामला प्रदेश के सियासी गलियारों में समय-समय पर उछलता रहता है. 


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