MP में अब रात में नहीं छलका सकेंगे जाम! इन शहरों के पब-बार के लिए आदेश हुए जारी
MP News: मध्य प्रदेश में जाम छलकाने वाले शौकीनों के लिए जरूरी खबर है. भोपाल-इंदौर समेत कई शहरों में अब रात 12 बजे के बाद बार, रेस्टोरेंट और शराब दुकानों पर शराब की ब्रिकी नहीं होगी. इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए गए हैं.
Liquor Will Not Be Sold After 12 AM Midnight: मध्य प्रदेश में शराब प्रेमी अब रात में जाम नहीं छलका सकेंगे. भोपल, इंदौर सहित प्रदेश के कई जिलों में इस संबंध में नया आदेश जारी हुआ है. आदेश के तहत रात 12 बजे के बाद अब पब बार, रेस्टोरेंट और शराब दुकानें नहीं खुलेंगी. ये फैसला रात में शराब के कारण बढ़ते क्राइम को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. भोपाल कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने आबकारी अधिनियम के तहत ये आदेश जारी करते हुए नियम का पालन करने पर कार्रवाई की बात कही है.
रात 12 बजे के बाद नहीं बिकेगी शराब
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अब रात 12 बजे के बाद होटल, पब, बार, रेस्टॉरेंट और दुकानों में न तो शराब परोसी जा सकेगी और न ही इसकी ब्रिकी हो सकेगी. भोपाल कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने आबकारी अधिनियम के तहत एक आदेश जारी किया है. आदेश के मतुाबिक ग्राहकों के लिए शराब खरीदने का समय रात 11.30 बजे तक निर्धारित किया गया है.
कार्रवाई के आदेश
आदेश में कलेक्टर ने नियमों का पालन नहीं करने पर कार्रवाई की बात भी कही है. शहर में देर रात तक खुलने वाले बार और रेस्टोरेंट को सील करने की कानूनी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही लाइसेंस भी निलंबित किए जा सकते हैं. देर रात तक खुलने वाले बार और रेस्टोरेंट की निगरानी SDM और आबकारी विभाग के अधिकारी करेंगे. साथ ही यही एक्शन भी लेंगे.
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इंदौर में होगी ऑनलाइन मॉनिटरिंग
प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में भी देर रात शराब की बिक्री नहीं हो सकेगी. इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने भी देर रात शराब बिक्री पर रोक लगाते हुए आदेश जारी किए हैं. साथ ही बार और रेस्टोरेंट की निगरानी के लिए आबकारी विभाग को निर्देश दिए हैं. इंदौर में आबकारी विभाग की टीम ऑनलाइन इसकी मॉनिटरिंग करेगी. टीम CCTV की मदद से बार-रेस्टोरेंट के खुलने और बंद होने के समय की रियल टाइम मॉनिटरिंग करेगी.
बढ़ रहा था क्राइम
प्रदेश में आए दिन रात में शराब पीने के कारण दुर्घटनाएं और क्राइम के मामले सामने आ रहे थे. इसे लेकर मुद्दा गरमाने लगा था. साथ ही कई शिकायतें भी मिल रही थीं. इन शिकायतों और मद्दों को संज्ञान में लेते हुए ये फैसला लिया गया है .
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