Madhya Pradesh: भोपाल/आकाश द्विवेदी: लंबे समय से आस लगाए बैठे मध्य प्रदेश के पुलिसकर्मी आज खुश हैं क्योंकि आज से उन्हें वीक ऑफ की सुविधा मिलनी शुरू हो गई है. CM शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही इस संबंध में घोषणा की थी, जिसके बाद यह व्यवस्था लागू कर दी गई है. प्रदेश में दूसरी बार पुलिसकर्मियों को वीक ऑफ की सुविधा दी जा रही है. इसे लेकर MP PCC चीफ कमलनाथ ने प्रदेश सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने इस फैसले को चुनावी चाल बताया है. 


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MP पुलिसकर्मियों को आज से मिलेगी सुविधा: मध्य प्रदेश पुलिसकर्मियों को आज से वीक ऑफ की सुविधा मिलनी शुरू हो गई है. इस व्यवस्था के बाद अब भोपाल जिले में हर दिन 14% मैदानी अमले को वीक ऑफ मिलेगा. इसके अलावा पुलिसकर्मियों को छुट्टी की राहत के साथ कुछ शर्तें भी रखी गई हैं. पुलिसकर्मी अपने अवकाश के दिन शहर से बाहर नहीं जा सकेंगे, डिवीजन स्तर पर एक साथ सभी थाना प्रभारियों को छुट्टी नहीं मिलेगी, VIP मूवमेंट के दौरान साप्ताहिक अवकाश में परिवर्तन होगा, कानून व्यवस्था खराब होने की स्थिति पर साप्ताहिक अवकाश लेने वाले कर्मचारी-अधिकारी फौरन ड्यूटी पर लौटेंगे और नाइट ड्यूटी के बाद पूरे 24 घंटे का अवकाश रहेगा. 


भोपाल में आज 600 पुलिसकर्मियों की छुट्टी
राजधानी भोपाल में आज 600 पुलिसकर्मी अवकाश पर रहेंगे क्योंकि उनका वीक ऑफ है. बता दें कि प्रदेश में ये दूसरा मौका है जब पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश मिल रहा है, इससे पहले जब 15 महीने के लिए कमलनाथ यानी कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई थी, तब भी पुलिसकर्मियों को वीक ऑफ देने की शुरू की गई थी. 


कमलनाथ ने कसा तंज
शिवराज सरकार के इस फैसले पर MP PCC चीफ कमलनाथ ने तंज कसा है. उन्होंने ट्वीट किया- मुझे खुशी है कि आज से मध्य प्रदेश के पुलिसकर्मियों को फिर से साप्ताहिक अवकाश देने की व्यवस्था शुरू की जा रही है. मैंने मुख्यमंत्री के रूप में जनवरी 2019 में प्रदेश के पुलिसकर्मियों को यह अधिकार दिया था, लेकिन शिवराज सरकार बनते ही पुलिसकर्मियों से उनका यह अधिकार छीन लिया गया था.



कमलनाथ ने आगे ट्वीट में लिखा- यह बात इसलिए याद दिला रहा हूं कि नीयत को समझना जरूरी है. एक तरफ कांग्रेस है जिसने सरकार बनते ही पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिया, दूसरी तरफ भाजपा है, जिसे 18 साल तक साप्ताहिक अवकाश की याद नहीं आई, बल्कि उसने पुलिसकर्मियों का अधिकार छीना. साप्ताहिक अवकाश बहाल करके शिवराज सरकार पुलिसकर्मियों के साथ किए गए अन्याय का प्रायश्चित करने की कोशिश कर रही है. अगर यह प्रायश्चित सच्चे दिल से होता तब भी कोई बात थी, लेकिन पुलिसकर्मी अच्छी तरह जानते हैं कि यह तो मामा की चुनावी चाल है. 


बता दें  कि रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदेश में 1 लाख की आबादी पर करीब 700 पुलिसकर्मी तैनात है. इस समय मध्य प्रदेश की आबादी करीब 8.5 करोड़ है. ऐसे में चुनाव से ठीक पहले इस फैसले के आने से कहीं न कहीं एक बड़ा वोट बैंक भी तैयार हो रहा है.