Gandhi Medical College Suicide Case: राजधानी के गांधी मेडिकल कॉलेज से स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने वाली जूनियर डॉक्टर डॉ. बाला सरस्वती का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि एक और जूनियर डॉक्टर कार्तिक ने आत्महत्या करने की कोशिश की है. जिसका इलाज हमीदिया अस्पताल के ट्रामा सेंटर में चल रहा है. वहीं इस मामले में अब राजनीति भी काफी तेज हो गई है. कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे लेकर  शिवराज सरकार पर निशाना साधा है.


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बता दें कि आत्महत्या की कोशिश से पहले एमबीबीएस के जूनियर डॉ. कार्तिक ने डॉ. बाला सरस्वती को लेकर न्याय की मांग करने के साथ अपने वॉट्सएप स्टेटस में लिखा कि एक मेडिकल कॉलेज कब्रिस्तान न बन जाए. अब इसे लेकर 
शिवराज सरकार से कमलनाथ ने ट्वीट कर कई सवाल पूछे है.



कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर साधा निशाना
कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि राजधानी के गांधी मेडिकल कॉलेज में फिर एक डॉक्टर कार्तिक द्वारा आत्महत्या के प्रयास का समाचार दुर्भाग्यपूर्ण है. एक सप्ताह में दूसरे डॉक्टर द्वारा यह कोशिश कॉलेज के अंदरूनी हालात पर रोशनी डालती है. सरकार से अपेक्षा है कि वह बच्चों का जीवन बचाये.


कमलनाथ ने पूछे सवाल
कमलनाथ ने शिवराज सरकार से सवाल पूछते हुए लिखा कि सरकार यह भी बताये कि स्यूसाइड प्रिवेन्शन कार्यक्रम की घोषणा का क्या हुआ? क्या शिवराज जी बतायेंगे कि विगत तीन साल में कितने डॉक्टर्स ने पढ़ाई छोड़ दी? कितने बच्चों ने कॉलेज बदला? कितनों ने ट्रांस्फर लिया? इसकी सूची जारी करें और स्वयं रास्ता निकालें.


अस्पताल कब्रिस्तान न बन जाए
जूनियर डॉक्टर कार्तिन ने सुसाइड करने से पहले अपने वॉट्सएप स्टेटस पर लिखा कि बदलाव के लिए एकजुट. GMC, भोपाल में सात महीने में दो सुसाइड. शर्मनाक. दोषियों को सजा दो. डॉ. सरस्वती के लिए न्याय. प्लीज रीपोस्ट, इससे पहले कि एक मेडिकल कॉलेज कब्रिस्तान में बदल जाए. जस्टिस फॉर डॉ. सरस्वती.


रिपोर्ट - आकाश द्विवेदी