Superstition Bandej Case in Damoh: बेटे की चाहत में कई बार लोग अंधविश्वास पर भी भरोसा करने लगते हैं, जिस कारण बाद में उन्हें पछतावा होता है. ऐसा ही कुछ मध्य प्रदेश के दमोह जिले में हुआ है. यहां एक आदिवासी दंपति बेटे की चाहत में बाबा के चक्कर में पड़ गया और बंदेज नामक अंधविश्वास में उलझ गया. बाबा के कहने पर महिला ने लोगों से दूरी बना ली, जिस कारण वह सीवियर एनीमिया की शिकार हो गई. 


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दमोह में बंदेज
मामला दमोह जिले के अमझेर गांव का है. यहां कृपाल आदिवासी की पत्नी 7वीं बार गर्भवती हुई थी. दंपति को 6 बेटियों के बाद बेटे की चाहत जागी तो वे बाबा के पास चले गए. बाबा ने बेटे के लिए महिला को सबसे दूरी बनाने की बात कही. साथ ही कहा कि अगर किसी ने उसे छुआ तो उसे कभी बेटा नहीं होगा. महिला बाबा के कहने में आ गई और सबसे दूर रहने लगी. इस चक्कर में उसने अपनी और गर्भ में पल रहे बच्चे की जान भी खतरे डाल दी. 


सीवियर एनीमिया की शिकार हुई महिला
बंदेज नामक अंधविश्वास में फंसी महिला सीवियर एनीमिया की शिकार हो गई. जानकारी के मुताबिक उसका हीमाग्लोबिन गिरकर 3.6 ग्राम हो गया. महिला की हालत खराब होने की जानकारी मिलने पर जब अस्पताल से स्वास्थ्यकर्मी गांव गए तो महिला ने भर्ती होने से इंकार कर दिया. इसके बाद टीम ने पति-पत्नी दोनों को समझाया और जान को खतरा होने की बात बताई. 


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समझाइश के बाद गई अस्पताल
किसी तरह समझाइश के बाद जैसे-तैसे महिला को असप्ताल लाया गया. यहां पहले उसे ब्लड चढ़ाया गया. इसके बाद सुरक्षित डिलीवरी कराई गई. महिला ने बेटे को जन्म दिया है. प्रसव के बाद महिला को फिर ब्ल्ड चढ़ाया गया.


6 बेटियां
जानकारी के मुताबिक महिला 6 बेटियों के बाद 7वीं बार गर्भवती हुई थी. उसकी 4 बेटियां जीवित हैं, जबकि एक की मौत हो गई है. वहीं, एक बेटी थी जिसका मिसकैरेज हो गया था. बता दें कि कई आदिवासी बाहुल्य गांवों में आज भी बंदेज नामक अंधविश्वास फैला हुआ है. लोग आज भी बेटे की चाहत में कई बाबा और अंधविश्वास को मानने लगते हैं. 


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