अजय राठौर/श्योपुर: मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण की मतगणना के बाद नगर सरकार की कुर्सी की जंग में जीतने वाला की संख्या की तस्वीर साफ हो गई तो वही शहर संग्राम में दूसरी तरफ बागी बनकर और निर्दलीय बनकर लड़ने वालो ने बीजेपी और कांग्रेस का समीकरण बिगाड़ दिया.


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नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह के लहार में भाजपा का खाता नहीं खुला, नरोत्तम के दतिया में कांग्रेस के बुरे हाल


श्योपुर के पॉलिटेक्निक कॉलेज में नगर निकाय चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए श्योपुर नगर परिषद और बडौदा नगर परिषद के मतों की गिनती सुबह नौ बजे शुरू हुई और तीन घंटे के भीतर शहर सरकार के लिए चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला ईवीएम से हो गया.



बडौदा नगर परिषद में बीजेपी का कब्जा
बडौदा नगर परिषद के 15 वार्डों में से बीजेपी ने 10 वार्ड जीतकर नगर सरकार की कुर्सी पर कब्जा जमाया. जीत का दावा करने के लिए वाली कांग्रेस दो सीटों पर सिमट गई. साथ ही बसपा के खाते में 1 और निर्दलीयों ने दो सीटों पर जीत दर्ज की. वहीं, श्योपुर नगर पालिका के 23 वार्डों में भाजपा और कांग्रेस के साथ निर्दलीय उम्मीदवारों ने मुकाबला कड़ा और दिलचस्प बना दिया. इसी के साथ निर्दलीय उम्मीदवारों ने दोनों पार्टियों की जीत के दावों के समीकरण को पलटते हुए बड़ा झटका दिया है.


श्योपुर नगर परिषद के 23 वार्डों में भाजपा और कांग्रेस को 8-8 सीटें मिलीं, जबकि वहीं 6 निर्दलीय जीते और पहली बार आम आदमी पार्टी ने श्योपुर में 1 सीट जीतकर अपना खाता खोला है. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस की नजर निर्दलीय के तौर पर जीतने वाले उम्मीदवारों पर है. श्योपुर और बडौदा में अध्यक्ष पद की सीट OBC महिला के लिए आरक्षित है. ऐसे में दोनों निकायों में नगर सरकार की सत्ता हासिल करने  के लिए जोड़तोड़ के प्रयास भी जारी रहेंगे.