एमपी का गजब चुनाव, इस पंचायत में लॉटरी से चुना जाएगा `सरपंच`
पहले चरण में पंचायत चुनाव के परिणाम देर रात में ही घोषित क्या हुए कई जगह आतिशबाजी, ढोल नगाड़ों की धुन और नाच गाकर जश्न मनाया गया, तो कहीं जगह कम उम्र के युवा सरपंचों ने ताज पहन इतिहास रचा लेकिन बड़नगर व उज्जैन जनपद की ग्राम पंचायत सिकंदरी में परिणाम ही नहीं आ पाए.
राहुल सिंह राठौड़/ उज्जैन: पहले चरण में पंचायत चुनाव के परिणाम देर रात में ही घोषित क्या हुए कई जगह आतिशबाजी, ढोल नगाड़ों की धुन और नाच गाकर जश्न मनाया गया, तो कहीं जगह कम उम्र के युवा सरपंचों ने ताज पहन इतिहास रचा लेकिन बड़नगर व उज्जैन जनपद की ग्राम पंचायत सिकंदरी में परिणाम ही नहीं आ पाए. जिससे मतदाताओं के चेहरे पर मायूसी छा गई. देर रात तक प्रत्याशी परिणामों का इंतजार करते रहे. हालांकि ग्रामीणों को बाद में पता चला कि पंचायत में दो प्रत्याशियों को एक जैसी संख्या में वोट मिले है, इसलिए परिणाम घोषित नहीं किये गए. एसडीएम गोविंद दुबे ने मामले की पुष्टि की और कहा ऐसी स्थिति में अब लॉटरी सिस्टम के आधार पर 14 जुलाई को परिणाम घोषित किये जाएंगे और तब ही सरपंच पद पर जीत का नाम सामने आएगा.
दरअसल ग्राम पंचायत सिकंदरी में एसटी सीट पर पुरुष सरपंच का आरक्षण हुआ था. जिसमें तीन गांव आते हैं. पहला गोठड़ा, दूसरा सिकंदरी व तीसरा जीवनखेड़ी. यहां कुल मतदाताओं की संख्या 1047 है, सरपंच के लिए 5 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे. जिसमें से दो उम्मीदवार संतोष व पदम को 252 -252 वोट मिले है और उन्हीं दोनों को लेकर चुनाव अधिकारी ने अब लॉटरी सिस्टम पर जीत करवाने की बात कहीं है. जो 14 जुलाई को आधिकारिक तौर पर परिणामों की घोषणा होने के साथ पूरी की जाएगी.
नतीजे का इंतजार हर किसी को
गौरतलब है कि प्रदेश भर में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में पहले चरण का चुनाव पूरा हो चुका है. जिले में उज्जैन व बड़नगर जनपद में कुल 2 लाख 91 हजार 282 मतदाताओं ने 183 सरपंचों, 2892 पंचों, जिला व जनपद पंचायत के सदस्यों की 21 में से 7 सीटों के लिए अपने मत का प्रयोग किया. जिसके परिणाम भी देर रात को ही घोषित कर दिए गए. अब जहां एक जैसी संख्या में मत मिलने जैसे मामले सामने आए है. उन्हें लॉटरी सिस्टम के आधार पर विजय मिलेगी. जिसका इंताजर अब हर किसी को है.
जानिए लॉटरी सिस्टम के बारे में
जब भी कभी ऐसी स्थिति बनती है कि किसी प्रत्याशी को एक जैसी संख्या में वोट मिले हैं, तो नतीजे टाई कर दिए जाते है. अब मामला चुनाव से संबंधित है तो इसलिए इसमें साधरण सी एक प्रोसेस है. जिसमें एक बॉक्स में दोनों प्रत्यशियों के नाम की पर्ची डाली जाती है और जिसकी पर्ची हाथ में आती है, उसका नाम विजयी घोषित कर दिया जाता है.