भोपालः मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव पर जारी अध्यादेश सरकार ने वापस ले लिया है, ऐसे में राज्य में पंचायत चुनाव पर फिलहाल रोक लग गई है. जिसको लेकर कैबिनेट में भी सहमति बन गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल से मुलाकात भी की है और चुनाव पर रोक के लिए राज्यपाल को प्रस्ताव भी भेजा जाएगा. राज्यपाल की मंजूरी के बाद निर्वाचन आयोग आधिकारिक रूप से पंचायत चुनाव पर रोक का ऐलान करेगा. इस बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पंचायत चुनाव का अध्यादेश सरकार द्वारा वापस लेने पर सहमति जताई है. 


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शिवराज सरकार द्वारा पंचायत चुनाव पर अध्यादेश वापस लेने के बाद कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ''अब हम उम्मीद करते हैं कि ओबीसी वर्ग के साथ न्याय होगा और उनको उनका हक मिलेगा. परिसीमन हो लेकिन शिवराज सरकार ने अड़ियल रवैया अपनाए रखा, इसको लेकर हमने पुरजोर ढंग से सड़क से लेकर सदन तक अपनी बात रखी, सरकार के इस निर्णय का विरोध किया और आखिर आज सत्य की जीत हुई.''



हमारी पहले दिन से यही मांग थी 
कमलनाथ ने लिखा कि ''देर आए, दुरुस्त आए, हम तो पहले दिन से ही कह रहे थे कि सरकार असंवैधानिक तरीके से मध्य प्रदेश में पंचायत के चुनाव कराने जा रही है, सरकार पंचायत चुनाव अधिनियम के तहत जारी अध्यादेश को तत्काल वापस ले, हम यही मांग पहले दिन से कर रहे थे.'' 


दरअसल, कल कांग्रेस विधायक दल ने विधानसभा में सर्वसम्मति से पंचायत चुनाव को लेकर एक संकल्प पारित किया, जिसमें रोटेशन प्रणाली लागू कर परिसीमन और ओबीसी आरक्षण के आधार पर पंचायत चुनाव कराए जाने की राज्य सरकार से मांग की है. कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक, पूर्व मंत्री और विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक विधानसभा स्थित कक्ष में संपन्न हुई. बैठक में नेता प्रतिपक्ष ने सदन में सरकार से मांग की है कि त्रि-स्तरीय पंचायत के चुनाव रोटेशन, परिसीमन और ओबीसी आरक्षण के आधार पर ही पूर्व की भांति कराए जाए. 


गृहमंत्री ने दिए थे चुनाव टालने के संकेत 
दरअसल, सबसे पहले गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे को देखते हुए पंचायत चुनाव टालने की बात कही थी. आज एक बार फिर उन्होंने अपनी बात को दोहराया और कहा कि कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस फिर से बढ़ रहे हैं. ऐसे में चुनाव टाला जाना चाहिए. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ओमिक्रोन का खतरा बढ़ रहा है. कोरोना पॉजिटिव के मामले भी बढ़ रहे हैं. ऐसे में पंचायत चुनाव टालना ही ठीक होगा. जिसके बाद आज मंत्रालय में शिवराज कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें पंचायत चुनाव टालने पर सहमति बनी. 


सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण वाली सीटों पर लगाया था स्टे 
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी वर्ग की सीटों पर चुनाव पर स्टे लगा दिया था. जिसके बाद से ही कयास लग रहे थे कि पंचायत चुनाव टाले जा सकते हैं. सरकार ने विधानसभा में संकल्प पारित किया कि बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव नहीं कराए जाएंगे, जिसे विपक्ष ने भी समर्थन दिया. सरकार इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी गई है. हालांकि चुनाव की प्रक्रिया चलती रही लेकिन अब कोरोना के मामले जिस तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में सरकार ने पंचायत चुनाव पर रोक लगाने का फैसला किया है. 


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