भोपाल: प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन 2021-22 (MP Panchayat Chunav) के लिए प्रदेश कांग्रेस (Congress) ने एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जो पंचायत चुनाव के सभी तरह के कामों पर समन्वय कर मार्गदर्शन देगी. इस समिति में पूर्व मंत्री एवं विधायक कमलेश्वर पटेल को समिति का संयोजक बनाया गया है और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एन.पी. प्रजापति, पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, विधायक श्रीमती झूमा सोलंकी और प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं चुनाव आयोग कार्य के प्रभारी जे.पी. धनोपिया को समिति का सदस्य बनाया गया है. यहां बड़ी बात ये है कि सैय्यद जफर को इस कमेटी में जगह नहीं मिली है, जो उनके लिए बड़ी अनदेखी है. 


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बता दें 2014 के आधार पर पंचायत चुनाव कराने का विरोध कर रही कांग्रेस की लड़ाई को सड़क से कोर्ट तक लड़ रहे सैय्यद जाफर को अपनी ही पार्टी ने तवज्जो नहीं दी और भूल बैठी. पंचायत चुनावों के ऐलान के बाद से बीजेपी और कांग्रेस में लगातार घमासान तल रहा है. विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Congress) लगातार बीजेपी की शिवराज (Shivraj Singh) सरकार पर निशाना साध रही है. कांग्रेस की तरफ से चुनाव पर रोक लगाने के लिए कई याचिकाएं दायर की गई हैं, जिसपर हाईकोर्ट (MP Highcourt) ने रोक लगाने से इंकार कर दिया, जिसके बाद कांग्रेस की ओर से जाफर सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुके हैं.


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याचिका कर्ता सयैद जाफर ने 7 दिसंबर को उच्चतम न्यायालय में याचिका लगाई है, जिसपर सुनवाई होना बाकी है. बता दें पंचायत चुनावों पर सरकार और विपक्ष के बीच घमासान चल रहा है. चुनाव पर रोक लगाने के लिए कई याचिकाओं पर सुनवाई हुई, जिसमें फैसला बीजेपी के पक्ष में आया. अब सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इंतजार है. इस बीच पार्टी के लिए लड़ रहे सैय्यद जफर को चुनाव कमेटी में जगह नहीं मिली है.


इस मामले पर 13 दिसंबर को सुनवाई होनी थी, जो आगे बढ़ गई. कोर्ट ने कांग्रेस के सैयद जाफर और जया ठाकुर की याचिका को स्वीकार कर लिया. इसके बाद शनिवार को सुनवाई में अगली तारीख 13 दिसंबर की दी गई गई थी, जो बाद में 14 हो गई. याचिका में कमल नाथ सरकार के समय हुए परिसीमन को निरस्त करने पर और 2014 की स्थिति में लागू परिसीमन और आरक्षण के आधार पर पंचायत चुनाव कराने पर सवाल खड़े किए गए हैं.


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