MP Politics: आकाश द्विवेदी/भोपाल। मध्य प्रदेश में एक बार दलबदल की चर्चाएं तेज हो गई हैं. क्योंकि बीजेपी और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के बयान तो कुछ यही इशारा कर रहे हैं. मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि उनके संपर्क में बीजेपी के कुछ विधायक है, लेकिन वह अपने संगठन के नेताओं को ही टिकट देंगे. वहीं कमलनाथ के बयान के पर मंत्री भूपेंद्र सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के कुछ विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं और वह भाजपा में शामिल होना चाहते हैं. इस मामले में अब प्रदेश बीजेपी के कद्दावर नेता और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी एंट्री हो गई है. मिश्रा ने मामले में बड़ा बयान दिया है. 


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राहुल गांधी-कमलनाथ ने ली है कांग्रेस की सुपारी 
नरोत्तम मिश्रा जब कमलनाथ के दावे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ''कमलनाथ जब जब ऐसा बोलते हैं तब तब कांग्रेस टूट जाती है, पहली बार जब कमलनाथ ने दावा किया तो सरकार चली गयी, उपचुनाव के समय में ऐसा बोला तो पूरी पार्टी बैठ गयी और फिर राष्ट्रपति चुनाव में बोला तो पार्टी के 17 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी. इसलिए कहा जा सकता है कि राहुल गांधी और कमलनाथ ने कांग्रेस की सुपारी ली है ये कांग्रेस को निपटा कर ही मानेंगे.''


कांग्रेस केवल विरोध करती है
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विधायकों को तोड़ने की शुरुआत कमलनाथ ने ही की थी, इसलिए राहुल गांधी और कमलनाथ कांग्रेस पार्टी को खत्म करने के अभियान में लगे हुए हैं. वहीं राहुल गांधी के गुजरात विधानसभा चुनाव में प्रचार करने पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि गुजरात में भाजपा की जीत निश्चित थी, लेकिन अब राहुल गांधी के गुजरात चुनाव में प्रचार करते ही भाजपा की दो तिहाई बहुमत से जीत सुनिश्चित हो जाएगी. गृहमंत्री ने कहा कि आज कांग्रेस जनजातीय गौरव दिवस पर राजनीति कर रही है, जबकि अब तक कांग्रेस जनजातीय वोटों से ही जीती थी, लेकिन कांग्रेस ने राष्ट्रपति का भी विरोध किया था, कांग्रेस किसी काम का समर्थन नहीं करती वह केवल हर बात का विरोध करती है. यही कारण है कि 20 साल में कांग्रेस को हमसे ज्यादा वोट नहीं मिले, लेकिन राष्ट्रपति के स्वागत के लिए पूरा प्रदेश तैयार है.


कमलनाथ ने किया था बड़ा दावा 
दरअसल, एक दिन पहले छिंदवाड़ा में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने दावा किया था, बीजेपी के कुछ विधायक उनके संपर्क में हैं, क्योंकि इन विधायकों को लगता है कि उनकी पार्टी उन्हें आने वाले विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं देगी. इसलिए वह कांग्रेस से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं को ही टिकट देगी. कमलनाथ ने पहले भी ऐसा ही दावा किया था. जबकि नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने भी बीजेपी विधायकों के कांग्रेस के संपर्क में होने का दावा किया था. 


क्या  MP में फिर होने वाली है दलबदल की सियासत ? 
दरअसल, मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के नेता जिस तरह से बयानबाजी कर रहे हैं, उससे प्रदेश के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि क्या फिर से मध्य प्रदेश में दलबदल होने वाला है. क्योंकि 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में बड़े स्तर पर दलबदल की सियासत हो चुकी है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस वक्त बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां नेताओं को अपने पाले में लाने की तैयारियों में जुटी है. ऐसे में आने वाले वक्त में मध्य प्रदेश में दलबदल की सियासत से इनकार नहीं किया जा सकता. 


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