OBC Community Impact in MP Politics: मध्यप्रदेश (MP News) के आगामी विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Election) में ओबीसी वर्ग को साधने के लिए आज भाजपा प्रदेश कार्यालय में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) मोर्चा की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. बता दें कि बैठक में पिछड़ा वर्ग के विधायक, सांसद और पदाधिकारी सहित प्रमुख नेता मौजूद थे. इस बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव शामिल थे.


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बता दें कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के बाद सीएम शिवराज ने नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात की. सीएम शिवराज और मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बीच बंद कमरे में हुई चर्चा ने मध्य प्रदेश भाजपा के भीतर राजनीतिक गतिविधियों को और तेज कर दिया.


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जानिए क्यों अहम है ओबीसी वर्ग?
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा ओबीसी वर्ग की आबादी है. राज्य की कुल ओबीसी वर्ग की आबादी 49 प्रतिशत है. इसके अलावा, ओबीसी वर्ग राज्य में महत्वपूर्ण राजनीतिक रूप से प्रभाव रखते हैं. खासकर, ओबीसी समुदाय की कुशवाहा और कुर्मी जातियां मध्य प्रदेश की राजनीति में पर्याप्त प्रभाव डालती हैं. वर्तमान में ओबीसी वर्ग से 60 विधायक हैं. प्रदेश में पिछले कुछ चुनावों में, ओबीसी वर्ग ने भाजपा को ही वोट दिया है और मुख्य कारण कहीं न कहीं पार्टी द्वारा ओबीसी नेताओं जैसे उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री बनाना है.


इन जिलों में है प्रभाव
मध्य प्रदेश के चंबल, बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्रों सहित 13 जिलों में ओबीसी वर्ग का प्रभाव विशेष रूप से है.जिसमें मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, अशोक नगर, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, पन्ना, सतना, रीवा और सिंगरौली जैसे जिले शामिल हैं. जहां राज्य में सबसे ज्यादा ओबीसी आबादी है.


वर्तमान में बीजेपी के पास सबसे ज्यादा विधायक
प्रदेश की ओबीसी वर्ग 61 विधानसभा सीटों में वर्तमान में भाजपा के पास 40 सीटें हैं, जबकि कांग्रेस के पास 19 सीटें हैं. वहीं 2018 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) ने इन क्षेत्रों में एक-एक सीट हासिल की थी.