MP Politics: ग्वालियर। अपने बयानों से अक्सर चर्चा में रहने वाली पूर्व मंत्री इमरती देवी एक बार फिर चर्चा में हैं, इमरती देवी कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुई थी और उसके बाद 2020 में उपचुनाव लड़ी थी, लेकिन इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, अब दो साल इमरती देवी को इस बात की जानकारी मिली है कि आखिर वह किस वजह से चुनाव हार गई थी. इमरती देवी पंडोखर सरकार के दरबार में गई थी, जहां पंडोखर सरकार ने उन्होंने चुनाव हराने वाले का नाम पूछा तो पंडोखर सरकार ने भी इमरती देवी के इस सवाल का जवाब दिया. 


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एक नेता ने आप को हरवाया है: इमरती देवी 
दरअसल, मध्य प्रदेश की बाबा पॉलिटिक्स एक बार फिर से चर्चाओं में है, चुनाव पास आते ही अब नेताओं का बाबाओं के धाम पर लगने जाना शुरू हो गया है. पर्ची पर लोगों का भविष्य लिखने के लिए प्रसिद्ध पंडोखर सरकार ने ग्वालियर में दरबार लगाया हुआ था, जिसमें पूर्व मंत्री इमरती देवी भी पहुंची, उन्होंने पंडोखर सरकार से पूछा कि पिछले चुनाव में उन्हें किसने हराया था, जिस पर पंडोखर सरकार ने जवाब देते हुए कहा कि ''वर्तमान में आप जिस पार्टी में है उसी के एक नेता ने आप को चुनाव हरवाया है, हालांकि पंडोखर सरकार ने कहा उस नेता का नाम मैं नहीं बताऊंगा, लेकिन आप की पार्टी के व्यक्ति ने आपको चुनाव हरवाया है.'' जिसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. 


बीजेपी और कांग्रेस दोनों आपकी ही पार्टी हैं 
इतना ही नहीं पंडोखर सरकार ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टी आपकी हैं, दोनों की जनता आप पर भरोसा करती है, इसलिए हारने के बाद भी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष आपने अपने बनाए.'' बता दें कि डबरा निकाय चुनाव में इमरती देवी के सर्मथक अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बने हैं. जबकि पंचायत चुनाव में भी उन्होंने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर अपने समर्थकों को जितवाया और दोनों जगह बीजेपी की परिषद बनी.


वहीं इस दौरान इमरती देवी ने एक पारिवारिक सवाल भी पंडोखर सरकार से किया उन्होंने कहा कि उनकी नातिन 3 साल की है लेकिन बोल नहीं पाती है, जिस पर पंडोखर सरकार ने कहा कि नातिन को जवान दी गई है, अब नातिन बोलेगी लेकिन उसे पंडोखर धाम पर लाए और दर्शन कराए, जिससे लाभ मिलेगा. बता दें कि ग्वालियर में चल रही जया किशोरी की कथा में विशेष आमंत्रण पर पंडोखर सरकार ने दरबार लगाया था. 


उपचुनाव हार गई थी इमरती देवी 
बता दें कि इमरती देवी 2018 में तीसरी बार कांग्रेस के टिकट पर डबरा से विधानभा चुनाव जीती थी, जहां कमलनाथ की सरकार में उन्हें मंत्री भी बनाया गया था. लेकिन जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए तो उनके साथ इमरती देवी भी विधायकी से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गई, जिसके बाद उन्हें शिवराज सरकार में भी मंत्री बनाया गया था. लेकिन 2020 में डबरा उपचुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद इमरती देवी को मंत्री पद से भी इस्तीफा देना पड़ा था. 


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