भोपाल। राजनीति में नेता एक-दूसरे के खिलाफ जमकर बयानबाजी करते हैं, लेकिन विचारधाराओं के लिए एक-दूसरे पर हमलावर रहने वाले ये नेता जब भी कभी सियासत से दूर मिलते हैं तो उनके बीच पूरी गर्मजोशी दिखती है. मध्य प्रदेश की सियासत में भी ऐसे कई किस्से हैं, जहां बीजेपी-कांग्रेस के नेताओं के बीच राजनीति से इतर अच्छी दोस्ती मानी जाती है. मध्य प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच का याराना भी कुछ ऐसा ही है. राजनीति में दोनों एक दूसरे के धुर विरोधी है, लेकिन इनका विरोध केवल राजनीति तक ही सीमित है. क्योंकि राजनीति से इतर जब ये दोनों नेता मिलते हैं तो इनकी गर्मजोशी देखते ही बनती है. Zee mpcg के कार्यक्रम Emerging Madhya Pradesh में ये दोनों नेता शामिल होंगे और प्रदेश के विकास पर अपनी बात रखेंगे. दोनों नेताओं के कुछ ऐसे ही सियासी किस्से हम आपको बता रहे हैं. 


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जब सदन में साइकिल पर हुई मीठी नोकझोंक 
शिवराज सिंह चौहान के दूसरी बार मुख्यमंत्री बने तो कमलनाथ ने नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभाली. यानि दोनों नेता विधानसभा के सत्र में भी आमने-सामने होते थे. एक बार महंगाई के मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच विधानसभा में जमकर बहस हुई, जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के बीच तीखी नोक-झोंक के दिलचस्प किस्सों से होकर गुजरी. इस दौरान सीएम शिवराज और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के बीच हास-परिहास भी खूब देखने को मिला जिससे सदन का माहौल देखने लायक बन गया. 


सदन में चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहा कि "यूपीए सरकार के समय जब पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े थे, तब आप केंद्र सरकार का विरोध करते हुए साइकिल से विधानसभा तक जाते थे. इसलिए आप से मेरा निवेदन है कि अब वह साइकिल आप मुझे दे दीजिए." नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के इस सवाल पर सीएम शिवराज ने जवाब देते हुए कहा कि "मैं आपको साइकिल किसी भी कीमत पर नहीं भिजवाऊंगा आपकी उम्र का लिहाज भी तो करना है मुझे" मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस जवाब पर पूरे सदन में ठहाके लगने लगे. 


जब विधायक बन गए हीरें 
इसी दौरान सदन में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए विधायकों पर भी ''हीरे'' का संवाद देखने को मिला. सीएम शिवराज ने सदन में कमलनाथ से कहा कि ''कांग्रेस से आए नेताओं के साथ में काम कर रहा हूं. यह सब बहुत अच्छा काम करते हैं यह सब हीरा हैं. इस पर कमलनाथ ने जवाब देते हुए कहा कि आप सभी हीरे को बचा कर रखिए. हम इन्हें पहले से जानते हैं.'' जिसके बाद फिर सदन में ठहाके लगे.


दिल्ली से भोपाल तक रही गर्मजोशी 
शिवराज सिंह चौहान जहां 17 साल से प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, तो कमलनाथ लंबे समय तक केंद्र की राजनीति में सक्रिए रहे और केंद्रीय मंत्री के पद पर रहे. जब प्रदेश में बीजेपी की सरकार रही तो केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी. उस दौरान भी सीएम शिवराज और केंद्रीय मंत्री रहे कमलनाथ के बीच अच्छी ट्यूनिंग रही. यानि दोनों की गर्मजोशी दिल्ली से भोपाल तक देखी जाती थी. 


2018 के विधानसभा चुनाव के बाद जब शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री का पद छोड़ा था, तब राजनीतिक शिष्टाचार के तहत कमलनाथ ने सबसे पहले जाकर उनसे मुलाकात की थी. जबकि 2020 में जब कमलनाथ ने मुख्यमंत्री का पद छोड़ा था, तब शिवराज सिंह चौहान ने सबसे पहले जाकर उनसे मुलाकात की थी. इसके अलावा दोनों नेता एक दूसरे के शपथ समारोह में भी पहुंचे थे. 


सुख-दुख में एक साथ दिखते हैं दोनों नेता 
शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ के बीच राजनीति से इतर मधुर संबंध हैं. दोनों नेता एक दूसरे के सुख दुख में हमेशा शामिल होते हैं. शिवराज-कमलनाथ सुख-दुख, त्यौहार या अन्य किसी कार्यक्रम में जब भी ये दोनों नेता एक दूसरे से मिलते हैं, तो उनकी मुलाकातों का नजारा राजनीति से इतर चर्चा में बना रहता है. यानि सियासत अपनी जगह होती है और दोस्ती अपनी जगह. 


राजनीतिक का एक जैसा अंदाज 
दरअसल, शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ की राजनीति का अंदाजा एक जैसा है. दोनों  फ्रेडली राजनीति के तहत अपने विरोधियों को घेरते हैं. यानि राजनीति में तो खूब विरोध नजर आता है. लेकिन जब सार्वजनिक मंच पर मिलते हैं तब सियासत का असर नहीं दिखता हैं. जिस तरह शिवराज सिंह चौहान के रिश्ते अपने विरोधी नेताओं से उच्छे हैं, उसी तरह कमलनाथ के रिश्ते भी अपने विरोधियों से अच्छे हैं. भले ही दोनों नेताओं की राजनीतिक विचारधारा अलग रहती है. लेकिन दोनों का विजन मध्य प्रदेश का विकास रहता है. Zee mpcg के कार्यक्रम Emerging Madhya Pradesh के मंच पर भी दोनों नेता प्रदेश के विकास पर बात करेंगे.