Bhopal Metro: प्रमोद शर्मा/भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मेट्रो संचालन के लिए सितंबर 2023 की समयसीमा तय की गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही इसकी घोषणा कर दी थी. प्रायरिटी कारिडोर यानी एम्स से सुभाष ब्रिज के 6.2 किलोमीटर रूट पर  तय समय मेट्रो के संचालन के लिए दिन-रात काम किया हो रहा है. ऐसे में लोगों ने ये चर्चा होने लगी है कि क्या 2023 के चुनाव से पहले उन्हें वाकई में मेट्रो का सफर करने मिल सकता है.


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8 साल में महज 6.2 किलोमीटर
भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट को 8 साल का लंबा समय हो गया, लेकिन अब तक पहले कॉरिडोर का आधा हिस्सा भी आमजन के लिए शुरू नहीं हो पाया. मेट्रो की चर्चा सबसे पहले साल 2014 में हुई थी. तब से लेकर आज तक 8 साल का समय बीत गया है. इस दौरान प्रोजेक्ट में 8 MD काम कर चुके हैं. 9वें MD अभी इसमें काम कर रहे हैं. काम में देरी के पीछे इसे भी एक कारण माना जा रहा है.


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कौन-कौन बना एमडी
- संजय शुक्ला
- गुलशन बामरा
- विवेक अग्रवाल
- प्रमोद अग्रवाल
- नीतीश व्यास
- मनीष सिंह
- छवि भारद्वाज
- निकुंज श्रीवास्तव
- अब फिर मनीष सिंह के कंधों पर कमान है


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अभी कितना हुआ काम
एम्स से सुभाष ब्रिज से आगे तक 6.22 किलोमीटर लंबी लाइन में पिलर और स्लैब का काम पूरा हुआ है. अभी रेलवे स्टेशन, पटरी, सिग्नलिंग और अन्य काम होना बाकी है. सितंबर 2023 तक प्रोजेक्ट पूरा करने की समय सीमा तय है. सितंबर 2019 में भूमि पूजन कार्यक्रम में प्रोजेक्ट को 2023 तक पूरा करने का वादा किया था, लेकिन काम अभी काफी हद तक बाकी है.


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पहले रूट के स्टेशन
प्रायरिटी कारिडोर में 450 करोड़ रुपये से एम्स, अलकापुरी, हबीबगंज नाका, रानी कमलापति स्टेशन, एमपी नगर, डीबी माल, केंद्रीय विद्यालय और सुभाष नगर में आठ स्टेशन बनाए जा रहे हैं. ये स्टेशन ग्रीन मेट्रो प्रणाली या ईको फ्रेंडली आधारित स्टेशन बनाए जाएंगे. हालांकि अभी इन स्टेशनों में से किसी एक का भी काम पूरा नहीं हो पाया है.


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चुनाव से पहले मेट्रो का सफर
शिवराज सरकार की पूरी कोशिश है कि चुनावों की घोषणा से पहले मेट्रो के पहले रूट का लोकार्पण हो जाए. इससे उन्हें चुनावों में अच्छा खासा फायदा मिल सकता है. इस कारण ये उम्मीद जताई जा रही है कि सितंबर से पहले भोपाल में पहली मेट्रो दौड़ जाएगी. लेकिन, जिस रफ्तार से काम चल रहा है इससे लग नहीं रहा कि ऐसा हो पाएगा. अब देखना होगा की समयसीमा तक क्या होता है.