Kuno National Park: मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) के कूनो नेशनल पार्क के बाड़े में सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) चीते छोड़ दिए हैं. ये चीते चीता प्रोजेक्ट के अंतर्गत दक्षिण अफ्रीका से मंगवाए गए हैं. इनको आज सुबह भारतीय वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर मालवाहक विमान ग्वालियर लाया गया था. इसके बाद ये हेलीकॅाप्टर कूनों पहुंचे. 12 चीतों की इस समूह में सात नर हैं और पांच मादा चीते शामिल हैं. इससे पहले भी इस पार्क में 8 चीते छोड़े जा चुके हैं.


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चीतों को बाड़ें में छोड़ने के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पीएम मोदी का आभार जताया. उन्होंने कहा कि कूनो नेशनल पार्क में आज चीतों की संख्या बढ़ गई. मैं प्रधानमंत्री को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं. उनके विजन के कारण ही ये संभव हो पाया. पार्क में 12 चीतों का पुनर्वास हो रहा है. अब यहां इनकी संख्या बढ़कर 20 हो जाएगी. पहले आए चीते पूरी तरह स्वस्थ हैं. ये पर्यटन और रोजगार की दृष्टि से महत्वपूर्ण है.


नामीबिया से भी आ चुके हैं चीते
चीता प्रोजेक्ट के तहत पिछली बार कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आठ चीते आए थे. इन चीतों को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे पार्क में छोड़ा था. लेकिन इस बार नामीबिया के बजाय दक्षिण अफ्रीका से मंगाए हैं. इन चीतो के आने के बाद पार्क में कुल चीतों की संख्या 8 से बढ़कर 20 पहुंच गई है.


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एक महीने क्वारंटाइन रहेंगे चीते 
दक्षिण अफ्रीका से आए हुए चीतों को पार्क के बाड़े में एक महीना तक क्वारंटाइन रखा जाएगा. इसके तहत नियमित रूप से इनके स्वास्थ की जांच की जाएगी. इसके बाद जब परिस्थितियां अनूकुल हो जाएगी तो इन्हें खुले जंगल में छोड़ दिया जाएगा. इसके अलावा बता दें कि सभी 12 अफ्रीकन चीते रेडियो कॉलर से लैस हैं. इन्हें वहीं से रेडियो कॉलर लगाकर लाया गया है. इसके जरिए इनकी नियमित रूप से निगरानी की जा रही है.


सरकार की महत्वाकांक्षी है योजना
'चीता प्रोजेक्ट' भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है. इसके जरिए देश की धरती पर  एक बार फिर से चीतों को बसाने के लिए भारत सरकार प्रयास कर रही है. इसके तहत वन्य जीवों को विदेशों से ले आया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट के तहत भारत सरकार ने पहले ही दक्षिण अफ्रीका के साथ एक एमओयू साइन किया है जिसके बाद ये चीते देश में लाए जा रहें हैं. इनको लेकर के एमपी सरकार काफी विशेष तौर पर कार्यरत है ताकी इनकी निगरानी सही से की जा सके.