प्रमोद शर्मा/भोपाल: देश में टाइगर स्टेट के नाम से पहचाने जाने वाला मध्यप्रदेश अब बाघों की हो रही लगातार मौत की वजह से सुर्खियों में शामिल हो रहा है. प्रदेश में लगातार ही बाघों की मौत की संख्या लगातार बढ़ते जा रही है. ये ही वजह है कि बाघों की मौत के मामले में मध्यप्रदेश नंबर 1 पर बना हुआ है. इसे देखते हुए गवर्मेंट ऑफ इंडिया ने मध्य प्रदेश में टाइगरो की मौतों पर जांच रिपोर्ट मांगी है. 


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गौरतलब है कि पिछले दिनों पन्ना में टाइगर को फांसी लगाने और 2021 में सतना में टाइगर की खाल उतारने के मामले को संज्ञान में लिया है. NTCA ने टाइगर की मौत की जांच और क्या कार्रवाई हुई इस पर रिपोर्ट मांगी है. 


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टाइगर स्टेट में टाइगर असुरक्षित!
आपको बता दें कि बाघों की मौत के मामले में NTCA की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इस रिपोर्ट की माने तो मध्यप्रदेश में पिछले एक सालों में 32 बाघों की मौत हुई है. ये ही आंकड़े बताते है कि टाइगरों की मौत में मध्यप्रदेश सबसे आगे है. NTCA के मुताबिक पूरे देश में पिछले एक साल में भारत में 99 बाघों की मौत हुई है. जिसमें अकेले मध्यप्रदेश में 32 मौतें हैं.


10 सालों में 270 बाघों की मौत
वहीं बात अगर पिछले 10 सालों की बात करें तो NTCA के आंकड़ें बहुत ज्यादा चौंकाने वाले है. देश में 10 सालों में अब तक 270 टाइगरों की मौत हो चुकी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक भी एमपी में 66 टाइगरों की मौत तो अकेले मध्यप्रदेश में हुई है. अब ये सवाल तो बनात है कि एक तरफ प्रदेश टाइगर स्टेट के बाद चीता स्टेट का दर्जा भी हासिल कर रहा है लेकिन इनकी सुरक्षा में फिसड्डी साबित हो रहा है.


पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ को दी फांसी 
गौरतलब है कि पन्ना टाइगर रिजर्व में एक बाघ का शव मिला था, बाघ फांसी के फंदे पर लटका हुआ था. इस मामले ने देश भर में सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा था. वहीं जिन आरोपियों को शिकार के मामले में पकड़ा गया, उनका कहना ये था कि हमनें जंगली जानवरों के लिए फंदा लगाया था, लेकिन उसमें बाघ फंस गया.