Top Palaces in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण कई किलें हैं. बता दें कि इन महलों और किलों में वास्तुकला बहुत सुंदरता से दिखती है. इसलिए यदि आप मध्य प्रदेश से हैं या मध्य प्रदेश घूमने की योजना बना रहे हैं तो आपको राज्य के कुछ बेहतरीन महलों और किलों को जरूर देखना चाहिए. 


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जय विलास पैलेस
जय विलास पैलेस शाही सिंधिया परिवार का निवास स्थान है. जय विलास महल का क्षेत्रफल 124,771 वर्ग फुट है और यह अपने बड़े दरबार हॉल के लिए जाना जाता है. इस महल का निर्माण महाराजा जयाजीराव द्वारा 1872 और ईस्वी के बीच करवाया गया था. जय विलास पैलेस की खास बात ये है कि ये यूरोपीय वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है. इसे सर माइकल फिलोस द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया था.


राजवाड़ा पैलेस 
इंदौर का राजवाड़ा पैलेस भारत के सबसे फेमस पैलेस में से एक है. यह खजूरी बाजार में स्थित है. बता दें कि इसका निर्माण 1747 ई. में मल्हार राव होल्कर के काल में हुआ था. राजवाड़ा पैलेस को होल्कर पैलेस के नाम से भी जाना जाता है. राजवाड़ा पैलेस इंदौर की सबसे पुराने स्‍ट्रक्चर्स में से एक है. 


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जहांगीर महल, ओरछा
जहांगीर महल निवाड़ी जिले के ओरछा में स्थित है. जहांगीर महल के गुंबदों को तैमूर रीति-रिवाजों के अनुसार बनाया गया है. बता दें कि मुगल सम्राट जहांगीर की शहर की पहली यात्रा से पहले यहां के शासक वीर सिंह देव ने 17 वीं शताब्दी में जहांगीर के स्वागत के प्रतीक के रूप में महल का निर्माण करवाया था. 


जहाज महल
जहाज महल धार जिले के मांडू में स्थित है. बता दें कि जहाज महल पानी में तैरते जहाज जैसा दिखता है. इस महल को सुल्तान गयास-उद-दीन खिलजी के काल में बनाया गया था. जहाज महल के आगे और पीछे दो झीलें : कपूर तालाब और मुंजा तालाब हैं. खास बात है कि तालाब के पानी में महल का सुंदर प्रतिबिंब देखा जा सकता है.


मान सिंह पैलेस
मान सिंह पैलेस ग्वालियर में स्थित है. ये 1486 और 1517 के बीच राजा मानसिंह द्वारा बनाया गया था. ये महल हिंदू वास्तुकला को बहुत शानदार तरीके से प्रदर्शित करता है. महल जहांगीर महल, शाहजहां महल और गुजरी महल जैसे अन्य स्मारकों से घिरा हुआ है. महल में आने वाले पर्यटकों के लिए हर शाम एक स्‍पेशल साउंड एंड लाइट शो का आयोजन किया जाता है. 


बांधवगढ़ किला 
बांधवगढ़ किला मध्य प्रदेश की सबसे पुरानी संरचना में से एक है. बता दें कि शिव पुराण और नारद-पंचरात्र जैसे प्राचीन ग्रंथों में इस किले का उल्‍लेख है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, बांधवगढ़ किला भगवान राम ने अपने छोटे भाई लक्ष्मण को उपहार में दिया था. किला कई राजवंशों जैसे माघों, वाकाटकों, सेंगरों, कलचुरी और बघेलों के हाथों में रहा है.  


चंदेरी का किला
चंदेरी किला अशोकनगर जिले के चंदेरी में स्थित है. इस किले से बेतवा नदी बहती है. बता दें कि चंदेरी पहाड़ियों, झीलों और जंगलों और कई स्मारकों से घिरा हुआ है. महाभारत में भी चंदेरी का उल्लेख है. 


मदन महल किला
मदन महल किला जबलपुर में स्थित है. बता दें कि जबलपुर में मदन महल नाम का एक रेलवे स्टेशन भी है. ये किला 1116 में गोंड शासक राजा मदन शाह द्वारा बनवाया गया था. आज मदन महल किले का प्रबंधन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा किया जाता है.


असीरगढ़ किला
असीरगढ़ किला बुरहानपुर जिले में स्थित है. मुगल काल के दौरान यह माना जाता था कि दक्कन की शुरुआत यहीं से होती थी. जबकि असीरगढ़ से लेकर दिल्ली तक के साम्राज्य को हिंदुस्तान माना जाता था. ये किला नर्मदा और ताप्ती नदियों की घाटियों को जोड़ने वाला था. ये उत्तर भारत से दक्कन तक के सबसे महत्वपूर्ण मार्गों में से एक है. इसे "दक्कन की कुंजी" के रूप में जाना जाता था.  


धार किला
धार किला धार जिले में स्थित है. बता दें कि किला लाल पत्थर से बना है. किले का निर्माण 1344 ई. में मोहम्मद तुगलक ने करवाया था. बाद में इसे 1732 ई. में पवार वंश के शासकों द्वारा कब्जा कर लिया गया था.