MP में इन जगह नहीं गए तो आपका मध्य प्रदेश जाना बेकार है!
नर्मदापुरम जिले के नजदीक स्थित पचमढ़ी मध्य प्रदेश का इकलौता हिल स्टेशन है. यहां की प्राकृतिक सुंदरता किसी का भी मन मोह सकती है. अंग्रेजी शासनकाल के दौरान पचमढ़ी सैन्य छावनी हुआ करता था.
नई दिल्लीः मध्य प्रदेश को भारत का दिल कहा जाता है और यहां घूमने-फिरने के लिए कई ऐसी जगह हैं, जो किसी को भी अपना दीवाना बना सकती हैं. इनमें प्राकृतिक स्थल भी शामिल हैं तो पुराने किले और मंदिर भी, जो लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं. आज हम आपको मध्य प्रदेश के 10 ऐसे प्रमुख स्थानों के बारे में बता रहे हैं, अगर आप वहां नहीं गए तो आपका मध्य प्रदेश घूमना ही बेकार रह जाएगा!
1. चंदेरी
मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में स्थित छोटा सा कस्बा चंदेरी पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है. यहां मौजूद प्राचीन किलों और स्मारकों में भारत की प्राचीन स्थापत्य कला और कारीगरी का नमूना देखने को मिलेगा. चंदेरी में करीब 350 ऐतिहासिक स्थल और अवशेष मौजूद हैं. इनमें कई हिंदू और जैन मंदिर शामिल हैं, जो 11वीं सदी के आसपास बनाए गए थे. चंदेरी में हिंदी फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है.
2. सांची स्तूप
मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में सांची स्तूप प्रमुख है. सांची स्तूप यूनेस्को की विश्व धरोहर लिस्ट में शामिल है. बौद्ध धर्म के मानने वालों के लिए सांची स्तूप बेहद अहम है क्योंकि यहीं पर भगवान बुद्ध की अस्थियां दफनाई गईं थी. यह भारत की सबसे प्राचीन पत्थर की संरचनाओं में शुमार किया जाता है. इसका निर्माण महान सम्राट और बौद्ध धर्म के अनुयायी सम्राट अशोक ने कराया था.
3. खजुराहो
खजुराहों सिर्फ मध्य प्रदेश और भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. खजुराहो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए पूरी दुनिया में पहचाना जाता है. ये शहर प्राचीन हिंदू और जैन मंदिरों का घर है. इन मंदिरों पर आध्यात्मिक शिक्षाओं, ध्यान, नृत्य,कुश्ती और काम कला की मूर्तियां बनी हुई हैं. ऐसा माना जाता है कि खजुराहो में मौजूद मंदिरों का निर्माण 950-1050 ईस्वी के दौरान चंदेल वंश के राजाओं ने कराया था. खजुराहो एक विश्व धरोहर है.
4. ओरछा
बुंदेलखंड में बेतवा नदी किनारे स्थित ओरछा ऐसी जगह हैं, जो अपने ऐतिहासिक महलों और मंदिरों के जरिए पूरे देश में अपनी पहचान जगह बना चुका है. जैसे देश के लोगों के मन में अयोध्या की अहमियत है, उसी तरह ओरछा की भी अहमियत है. ओरछा को भगवान राम की नगरी कहा जाता है. यहां के राजा भगवान राम हैं. यहां चतुर्भुज मंदिर और जहांगीर महल जैसी कई ऐतिहासिक जगहें हैं. ओरछा में ना सिर्फ भारतीय बल्कि विदेशी पर्यटक भी घूमने आते हैं.
5. पचमढ़ी
नर्मदापुरम जिले के नजदीक स्थित पचमढ़ी मध्य प्रदेश का इकलौता हिल स्टेशन है. यहां की प्राकृतिक सुंदरता किसी का भी मन मोह सकती है. अंग्रेजी शासनकाल के दौरान पचमढ़ी सैन्य छावनी हुआ करता था. पचमढ़ी को सतपुड़ा की रानी भी कहा जाता है. पचमढ़ी में सुंदर झरनों और प्राकृतिक नजारों की भरमार है.
6. उज्जैन
ऐसी मान्यता है कि उज्जैन में खुद बाबा महाकाल निवास करते हैं और इसलिए उज्जैन को महाकाल की नगरी कहा जाता है. उज्जैन का विवरण महाभारत में भी मिलता है. उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर को लेकर बहुत मान्यता है. पूरे देश से यहां श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन करने आते हैं.
7. पेंच नेशनल पार्क
वाइल्ड लाइफ के शौकीनों के लिए पेंच टाइगर रिजर्व किसी स्वर्ग से कम नहीं है. एमपी के सिवनी और छिंदवाड़ा जिले के पास स्थित पेंच नेशनल पार्क में चीता,भेड़िए और पक्षियों की 300 से ज्यादा प्रजातियों का घर है. इस नेशनल पार्क में कई नदियां भी बहती हैं जो पेंच नेशनल पार्क की खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं.
8. भीमबेटका गुफाएं
राजधानी भोपाल से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित भीमबेटका गुफाएं बेहद प्राचीन जगह है, जो दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करती है. यहां पहुंचने के बाद ऐसे लगेगा कि जैसे हम पाषाण काल में पहुंच गए हैं. भीमबेटका की गुफाओं पर 30 हजार साल पुराने चित्र उकरे हुए हैं. ऐसे में माना जाता है कि भीमबेटका की गुफाएं 30 हजार साल से भी पुरानी हैं.
9. मांडू
मध्य प्रदेश के इंदौर जिले से कुछ ही घंटे की दूरी पर मौजूद मांडू प्राचीन शहर है. मांडू में कई बेहतरीन महल, किले और झीलें हैं. मांडू अपने स्मारकों के साथ ही रानी रूपमती की प्रेम कहानी के लिए भी प्रसिद्ध है. मांडू में हर साल हजारों लोग घूमने आते हैं.
10. बैलेंसिंग रॉक
जबलपुर के नजदीक स्थित एक ऐसी जगह है, जिसे बैलेंसिंग रॉक कहा जाता है. यहां पहुंचने के बाद आपको अपनी आंखों पर विश्वास नहीं होगा क्योंकि यहां एक बड़ा सा पत्थर एक चट्टान पर इस तरह से टिका है उसे देखकर आपको भौतिक विज्ञान के सारे नियम बेमानी लगेंगे. ये पत्थर लगता है कि हल्के से धक्के से ही गिर जाएगा लेकिन सैंकड़ों सालों से यह पत्थर ऐसे ही टिका हुआ है और खूब कोशिशों के बाद भी इस पत्थर को हिलाया नहीं जा सकता है.