मानसून में एमपी बन जाता है पर्यटकों का स्वर्ग, इन जगहों की कर सकते हैं सैर
बारिश में कई पर्यटक स्थल टूरिस्टों के लिए बंद हो जाते हैं या वहां जाने में परेशानी होती है लेकिन कई ऐसे पर्यटक स्थल हैं जहां मानसून में ही सबसे ज्यादा एन्जॉय किया जा सकता है. मध्य प्रदेश के ऐसे ही कुछ टूरिस्ट प्लेस के बारे में हम आपको बता रहे हैं जहां जाकर आप कहेंगे, `भई वाह, वाकई में देश का दिल है एमपी`
नई दिल्ली: मानसून में देश का दिल मध्य प्रदेश पर्यटकों के लिए स्वर्ग बन जाता है. यहां किले, महल, पहाड़ और झीलों के किनारे पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं.
ट्रैकर्स के लिए स्वर्ग बन जाता है मानसून में भोपाल
भोपाल की बड़ी झील मानसून में बेहद खूबसूरत दिखाई देती है. इस झील में आप शाम के समय बोटिंग कर सकते हैं तो सुबह के वक्त इस झील के किनारे ठंडी हवा आपको दिन भर के लिए फ्रेश कर देती है. मानसून में भोपाल का मौसम शानदार हो जाता है. सबसे खास बात ये है कि भोपाल पहाड़ियों के बीच बसा है. ऐसे में भोपाल के आसपास के जंगलों में ट्रैकिंग के लिए बेहतरीन माहौल होता है.
भोपाल के आसपास भी हैं टूरिस्ट प्लेस
भोपाल में मनुआभान की टेकरी ऊंचाई पर स्थित है.पहाड़ की ऊंचाई से पूरा भोपाल नज़र आता है. बड़ा तालाब तो यहां से बेहद ख़ूबसूरत लगता है. कलियासोत, केरवा और कोलार डैम घूमने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं. बारिश के मौसम में जब इन बांधों के गेट खुलते हैं तो ऩजारा देखने लायक होता है.
मानसून में मांडू नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा
मध्य प्रदेश के मांडू को 'सिटी ऑफ जॉय' के नाम से जानते हैं. मांडू ऐतिहासिक धरोहरों को ख़ुद में संजोए हुए है. यहां 25 से अधिक ऐतिहासिक महल मौजूद हैं. मांडू में स्थित जहाज महल ऐसा लगता है जैसे तालाब के बीच में तैर रहा हो. पहाड़ों और चट्टानों से घिरे हुए मांडू की ऐतिहासिक इमारतें बहुत आकर्षक लगती हैं. राजा बाज बहादुर और रानी रूपमती की अमर प्रेम कहानी आज भी इसकी ऐतिहासिकता की कहानी सुनाता है. बाज बहादुर के महल के सामने ही रानी रूपमती का महल स्थित है, जिसमें उनकी प्रेम कहानी के किस्से आज भी पर्यटकों को रोमांचित कर देते हैं.बारिश के मौसम में जब सैलानी यहां की सैर करने निकलते हैं तो यहां के नज़ारे पर्यटकों का मन मोह लेते हैं.
अमरकंटक की वादियां भी हो जाती हैं हसीन
मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में स्थित अमरकंटक में चारों तरफ हरियाली नजर आती है. यहां से नर्मदा नदी भी निकलती है. यहां स्थित कपिल धारा को दूध धारा के नाम से भी जाना जाता है. यहां पहाड़ों के बीच से लहरें नर्मदा नदी से मिलती हैं. यहां से बहती नदी की धार को देखकर लगता है मानो सफेद दूध बह रहा हो. बारिश के समय आप यहां से घूम कर जब जाएंगे, तो यहां की ख़ूबसूरती भूल नहीं पाएंगे.
बारिश में और खूबसूरत हो जाता है पचमढ़ी
पचमढ़ी हिल स्टेशन राजधानी भोपाल से करीब 250 किलोमीटर दूर है. यहां स्थित ऊंची चोटी को धूपगढ़ के नाम से जाना जाता है. इसे मध्य प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी कहा जाता है. यहां सैलानी सूर्योदय और सूर्यास्त के समय घूमने आते हैं.इन पहाड़ियों के बीच से सूर्योदय और सूर्यास्त बहुत सुंदर लगता है. बारिश के समय पर पचमढ़ी और भी ज़्यादा खूबसूरत नज़र आता है.