भोपाल। मध्य प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव के लिए नगर पालिका और नगर परिषदों में अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो गई है. वहीं नगर निगम में महापौर पद के लिए आरक्षण नहीं किया गया है, क्योंकि महापौर के लिए दिसंबर 2020 में कराई गई आरक्षण प्रक्रिया ही मान्य होगी. ऐसे में हम आपको बता रहे है कि प्रदेश के 16 नगर निगमों से  कौन सा नगर निगम किस वर्ग के लिए आरक्षित है. 


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दरअसल, नगर निगम के महापौर पद के लिए 10 दिसंबर 2020 को ही आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. 16 नगर निगम में से ओबीसी-4, एससी-2, एसटी-1 के लिए रिजर्व की गई हैं. जिनमें से ओबीसी की दो और एससी की एक सीट (महिला) के लिए आरक्षित है. 


ऐसी है नगर निगम में महापौर आरक्षण की स्थिति 


  • भोपाल- ओबीसी (महिला) 

  • इंदौर-अनारक्षित 

  • जबलपुर-अनारक्षित 

  • ग्वालियर-सामान्य (महिला) 

  • उज्जैन-अनुसूचित जाति 

  • सागर-सामान्य (महिला) 

  • मुरैना-अनुसूचित जाति (महिला)

  • छिंदवाड़ा-अनुसूचित जनजाति

  • सतना-ओबीसी

  • रतलाम-ओबीसी

  • खंडवा-ओबीसी(महिला)

  • बुरहानपुर-सामान्य (महिला)

  • देवास-सामान्य (महिला)

  • कटनी-सामान्य (महिला)

  • रीवा-अनारक्षित

  • सिंगरौली-अनारक्षित


पिछली बार बीजेपी को मिली थी जीत 
बता दें कि पिछली बार सभी 16 नगर निगमों में बीजेपी को जीत मिली थी. बता दें कि इस बार भी नगर निगम में महापौर के चयन के लिए प्रत्यक्ष प्रणाली लागू हुई है, यानि महापौर का चयन जनता ही करेगी. लेकिन नगर पालिकाओं और नगर परिषदों में अध्यक्ष का चयन पार्षद करेंगे. 


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