Bhopal News: मध्यप्रदेश के साल 2013 के बहुचर्चित पुलिस भर्ती परीक्षा फर्जीवाड़ा मामले में CBI कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. चार आरोपियों को कोर्ट ने 7-7 साल की सजा और 10 हजार जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही कोर्ट ने इस  मामले में राधा मोहन शर्मा, रवि शर्मा, कृष्णकांत शर्मा और मनीष शर्मा को दोषी ठहराया है. बता दें कि राधा मोहन शर्मा की जगह रवि शर्मा ने परीक्षा दी थी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कृष्णकांत शर्मा ने आदेश शर्मा से संपर्क कर मनीष शर्मा को सॉल्वर बनाया था. 1 लाख 80 हजार में हुई थी मनीष शर्मा से डील. बता दें कि सबूतों के अभाव में आदेश शर्मा को छोड़ा गया. CBI की विशेष अदालत के न्यायाधीश नीतिराज सिंह ने सुनाया फैसला.


क्या है व्यापमं घोटाला
व्यापम घोटाला मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा भर्ती घोटाला माना जाता है. इस घोटाले में कई बड़े नाम सामने आए थे. कुछ लोगों की तो मौत हो गई, जबकि कुछ लोग सलाखों के पीछे है. अब हाईकोर्ट खुद इस मामले की जांच करवा रही है. व्यापम घोटाले में सरकारी नौकरियां घूस लेकर रेवड़ियों की तरह बांटी गई.


व्यापमं कांड पर क्या बोले विजयवर्गीय
भाजपा (BJP) के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने व्यापमं कांड (Vyapam Scam) के आरोपी रहे पूर्व मंत्री को लेकर अजीब बयान दिया था. विजयवर्गीय ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि, 'निर्दोष व्यक्ति को जेल जाना पड़ता है. ये हाथों की लकीरों में होता है. लक्ष्मीकांत शर्मा ने जो कुछ झेला उसकी पीड़ा मेरे मन में हमेशा रहेगी. लक्ष्मीकांत का जिक्र होता है तो मन भर आता है. एक निर्दोष व्यक्ति पर आरोप लगे. लक्ष्मीकांत सब कर सकते हैं. इस तरह का भ्रष्टाचार नहीं कर सकते.


यह भी पढ़ें: OMG 2 Movie LEAKED Online: ऑनलाइन लीक हुई अक्षय कुमार की मूवी, इन वेबसाइट्स पर देख रहे लोग


गौरतलब है कि व्यापमं कांड 2013 में सामने आया था. बड़े पैमाने पर मेडिकल प्रवेश फर्जीवाड़ा और सरकारी भर्ती फर्जीवाड़ा हुआ था . व्यापमं कांड की जांच करते हुए STF ने तत्कालीन मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को आरोपी बनाया था.  लक्ष्मीकांत शर्मा सिरोंज से विधायक थे. व्यापमं जांच के दौरान उन्हें जेल जाना पड़ा. बाद में 2021 में शर्मा का 60 साल की उम्र में में भोपाल के चिरायु अस्पताल में निधन हो गया था.