MPPSC Exam Result 2019: करीब 4 साल से अधर में लटकी राज्यसेवा परीक्षा-2019 का अंतिम परिणाम आखिरकार मंगलवार देर रात जारी कर दिया गया. रातों-रात जारी हुए इस परिणाम से हर कोई हैरान रह गया है. क्योंकि 571 पदों के लिए राज्यसेवा-2019 घोषित हुई थी, लेकिन सिर्फ 87 प्रतिशत पदों पर रिजल्ट घोषित हुआ और 13 प्रतिशत रिजल्ट को होल्ड कर दिया गया. इस तरह पीएससी ने सिर्फ 472 पदों के लिए चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी की है. 


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अब सवाल यहां खड़े हो रहे हैं कि आखिरकार राज्यसेवा परीक्षा के रिजल्ट जारी होने में 4 साल का लंबा इंतजार क्यों लगा? दरअसल अभ्यर्थियों का कोर्ट से होकर गुजरा है. तो चलिए इसके पीछे की आपको वजह बताते हैं..


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पहले जानिए आखिर क्या है पूरा मामला?
दरअसल राज्यसेवा परीक्षा-2019 बैच की जब परीक्षा हुई थी तो इसका रिजल्ट 2020 में आ गया था. लेकिन पूरा विवाद रोस्टर सिस्टम यानी ओबीसी आरक्षण के कारण शुरू हुआ. रोस्टर की वजह से चयनित 125 बच्चे बाहर हो गए थे. इन्हीं परीक्षार्थियों ने कोर्ट में अपील कर दी थी. जिसके बाद कोर्ट ने कहा था कि इन 125 बच्चों के फिर से इंटरव्यू लिया जाए. जिसके बाद पूरा मामला तारीख पर तारीख की तरह आगे बढ़ता गया. इसके बाद पीएससी ने एक बार फिर हाईकोर्ट में जाने का फैसला लिया. तब हाईकोर्ट की डबल बैंच ने कह दिया कि कहा कि आप 125 बच्चों का फिर से इंटरव्यू नहीं लेंगे. इन्हीं सब विवाद के बीच इसके परिणाम अटक गए.


विवादों के बीच पीएससी के छात्रों ने इंदौर के कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया था. उसके बाद जबलपुर की सिंगल बैंच ने हाल ही में आदेश पर स्टे दे दिया है. इसके बाद पूरा मामला एमपी सरकार और पीएससी के पाले में पहुंच गया. जिसके बाद मंगलवार देर रात रिजल्ट घोषित कर दिया गया.


जानिए आखिर रोस्टर सिस्टम क्या होता है?
दरअसल सिस्टम विभाग में वैकेंसी जारी करने का एक प्रोसेस होता है. जिससे ये निर्धारिक किया जाता है किसी विभाग में निकलने वाली वैकेंसी किस वर्ग (जनरल, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति या जनजाति) को मिलेगी.