मनोज जैन/शाजापुर:  एक तरफ जहां शिवराज सरकार की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने नवरात्रि के मौके होने पर गरबा के कार्यक्रम में मुस्लिमों की एंट्री पर कहा था कि अगर कुरान मूर्ति पूजा की इजाजत देता है और आप मूर्ति पूजा करना चाहते हैं तो गरबा पंडाल में आएं. वहीं कई जिलों में गरबे में गैर-हिंदू को नवरात्र पंडालों में आने की इजाजत नहीं है. ऐसे में शाजापुर जिले का एक मुस्लिम युवक समाज में भाईचारे और सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश कर रहा है.


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एमपी में मनाया जाता है 'बहुरानी दिवस'! बहुओं के लिए होता है सास की तरफ से खास आयोजन


गौरतलब है कि नवरात्रि मतलब हिंदू धर्म में मां दुर्गा की आराधना का पर्व. नवरात्रि का खासा महत्व है और बहुत ही उल्लास से इस पर्व को मनाया जाता है लेकिन शाजापुर जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर ग्राम नैनावद में एक मुस्लिम युवक ने दुर्गा प्रतिमा स्थापित कर हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल कायम की है. इस युवक ने स्वयं के खर्च पर दुर्गा पांडाल बनाया जो समाज में भाईचारे और सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश कर रहा है.


1 लाख खर्च कर दुर्गा मां स्थापित करवाई
ग्राम नैनावद के आबिद भाई ने एक लाख रुपए से ज्यादा की राशि खर्च कर दुर्गा प्रतिमा स्थापित की और भव्य पांडाल बनवाया. इस पंडाल में रोज आरती और गरबे का आयोजन हो रहा है. आबिद भाई नवरात्रि में मां की आराधना में लगे हुए हैं. नंगे पैर रहकर व्रत कर रहे हैं. दोनों समय विधि विधान से पूजन अर्चना भी कर रहे हैं. आबिद भाई ने खुद के पास रूपए की व्यवस्था न होने पर उधार लेकर आयोजन करवाया है.


हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का संदेश 
आपको बता दें कि यहां धर्म के बंधनों से परे हिंदू मुस्लिम सभी नवरात्रि के पर्व को उल्लासपूर्ण ढंग से मना रहे है. इस क्षेत्र के हिंदुओं की दीवाली कभी मुस्लिमों के बिना नहीं मनाई जाती और मुस्लिमों की ईद भी हिंदुओं के बिना अधूरी रहती है. वहीं कुछ असमाजिक तत्व इस समय देश में हिंदू-मुस्लिम का जो जहर लोगों के दिमाग में बो रहे हैं, उसका एक अंश भी फिलहाल इस नवरात्रि में यहां नहीं दिख रहा है.