Narayanpur Church Case: बीते दिनों में छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले (Narayanpur district) में दो समुदायों में उपजे विवाद के बाद ईसाई धर्म के पवित्र स्थल चर्च में तोड़फोड़ (Church Sabotage) की गई थी, जिसके बाद ये मामला लगातार गरमाता चला जा रहा है. मामले में गिरफ्तार हुए भाजपा जिला अध्यक्ष व आदिवासी समाज के संरक्षक रूपसाय सलाम को छुड़ाने व पीड़ित लोगों से मिलने भाजपा का एक प्रतिनिधि मंडल (BJP Delegation) नारायणपुर आ रहा था लेकिन उसे बेनूर थाने में ही रोक दिया गया. इसके बाद भाजपा प्रतिनिधि मंडल ने दोपहर 2 बजे से रात 9 बजे तक धरना दिया. उसके बाद उसे वापस लौटना पड़ा.


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क्या है पूरा मामला
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में आदिवासी और ईसाई समुदाय के लोगों के बीच किसी बात को लेकर मारपीट हुई थी. मारपीट होने के दूसरे दिन आदिवासी समाज के कुछ लोगों ने जाकर चर्च में तोड़फोड़ की जिसके बाद पहुंची पुलिस ने भाजपा के जिलाअध्यक्ष और आदिवासी समाज के संरक्षक रूपसाय सलाम सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी को लेकर आदिवासी समाज में काफी ज्यादा असंतोष ब्याप्त है. जिसके तहत गुस्साए लोगों ने सैकड़ों की भीड़ में पंहुच कर नारायणपुर कोंडागांव मार्ग पर भाटपाल के पास लगभग 7 घंटे तक चक्काजाम किया और रूपसाय सलाम की रिहाई की मांग की. बता दें कि प्रशासन के काफी समझाने के बाद लोग सड़क पर से हटे.    


झड़प के दौरान घायल हुए थे एसपी
आदिवासी और ईसाई समुदायों के बीच हो रही झड़प को शांत कराने पुलिस बल भी पंहुचा था. लेकिन इसी बीच नारायणपुर एसपी पी.सदानंद घायल हो गए उनके सिर में चोटें आई. इसके अलावा आपको बता दें कि कई और पुलिस कर्मी भी झड़प के दौरान घायल हुए थे. इसके बाद लोगों को उग्र होता हुआ देखकर प्रशासन ने फ्लैग मार्च निकालकर लोगों से शांति की अपील की थी. फिलहाल आपको बता दें कि अभी भी लोगों में काफी असंतोष ब्याप्त है.


बता दें कि दो दिन पहले नारायणपुर जिले में दो समुदायों के बीच झड़प हो गई थी, जिसमें एक समुदाय ने ईसाई समुदाय के चर्च में तोड़फोड़ कर दी थी. मामला इतना बढ़ गया था कि तोड़फोड़ रोकने गए नारायणपुर एसपी पी सदानंद घायल हो गए थे. इसके बाद घायल एसपी को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया.