Narmada-Ganga Nadi story: नर्मदा नदी को भारत में सबसे प्राचीन नदियों में से एक पवित्र नदी में माना जाता है. नर्मदा नदी मध्यप्रदेश और गुजरात की जीवन रेखा है, लेकिन इसका अधिकतर भाग मध्यप्रदेश में ही बहता है. भारत में कई नदियों की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है. लेकिन आज हम आपको गंगा और नर्मदा नदी में अंतर बताएंगे. इसके साथ ही जानेंगे कि क्यों नर्मदा नदी मध्यप्रदेश की सबसे पवित्र नदी में से एक है. 


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बता दें कि माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को नर्मदा का धरती पर अवतरण हुआ था, इसलिए इस दिन नर्मदा जयंती या नर्मदा प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है. हालांकि नर्मदा के धरती पर आगमन को लेकर कई पौराणिक मान्यताएं प्रचलित हैं. एक सबसे प्रचलित मान्यता के मुताबिक नर्मदा शिव की पुत्री हैं, जिन्हें स्वयं भगवान शिव ने धरती पर भेजा हैं.


मध्यप्रदेश की सबसे पवित्र नदी नर्मदा 
मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी का बहुत अधिक धार्मिक महत्व है. महाकाल पर्वत के अमरकंटक स्थान से निकलकर नर्मदा नदी पश्चिम दिशा की तरफ बहती हुई खम्बात की खाड़ी में मिल जाती है. मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नर्मदा नदी की परिक्रमा करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मौत के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. नर्मदा नदी को रेवा नदी के नाम से भी जाना जाता है. भारत में नर्मदा नदी को भी मां का दर्जा दिया जाता है.


नर्मदा नदी और गंगा नदी में अंतर?
जानकारी के लिए आपको बता दें कि नर्मदा नदी पूरे भारत की एकमात्र नदी है, जिसकी परिक्रमा की जाती है. पुराणों के मुताबिक गंगा में स्नान से जो पुण्य मिलता है, वह नर्मदा नदी के दर्शन मात्र से मिल जाता है.


जब नर्मदा ने चाहा गंगा से श्रेष्ठ बनना!
एक पौराणिक कथा के मुताबिक नर्मदाजी चाहती थीं कि उन्हें नदियों में सर्वप्रथम स्थान मिले. ये तपस्या के द्वारा ही हो सकता था और इसे ब्रह्मा जी ही वरदान दे सकते थे. इसके बाद नर्मदा ने तपस्या शुरू की और ब्रह्माजी ने खुश होकर वरदान मांगने को कहा. तब नर्मदा ने कहा कि मुझे गंगा के समान सर्वश्रेष्ठ पद प्रदान कर दीजिए. ब्रह्माजी ने तब नर्मदा से एक प्रश्न पूछा कि क्या काशी के समान परम पावन कोई और पुरी हो सकती है? नर्मदा ने कहा नहीं.. तब ब्रह्माजी ने कहा फिर बिटिया कैसे तुम कह सकते हो कि गंगा के समान सर्वश्रेष्ठ बन जाऊं?


इसके बाद नर्मदा शिव जी की शरण में काशी गईं और घोर तपस्या की. शंकर जी  जब प्रकट हुए और तब नर्मदा से वर मांगने को कहा. तब नर्मदा ने कहा जो आप वरदान देना चाहे मुझे दें. तब शिवजी ने कहा- तेरे दोनों किनारे के जितने पाषाण होंगे, वे सब मेरे स्वरुप ही शिवलिंग समझे जाएंगे. गंगा, यमुना, सरस्वती में तू सर्वश्रेष्ठ होगी. तुम्हारे केवल दर्शन मात्र से पाप धुल जाएंगे.


जानिए नर्मदा की विशेषताएं
-  नर्मदा उल्टी दिशा में बहती है. पूर्व से पश्चिम की ओर.
- जितने तीर्थ नर्मदा के तट पर हैं, उतने तीर्थ किसी भी नदी के तट पर नहीं है.
- नर्मदा नदी का प्रत्येक पत्थर शंकर हैं.
- नर्मदा नदी के साथ इनके पिता का नाम भी लिया जाता है. नर्मदेहर....
- नर्मदा की कुल 41 सहायक नदियां हैं. 
- देश की एक मात्र नदीं जिसकी परिक्रमा की जाती है.
- नर्मदा नदी के जल के राजा मगरमच्छ कहा जाता है.


जानिए गंगा नदी की विशेषताएं
- गंगा एशिया की नदी है जो पश्चिमी हिमालयसे निकलती है
- कुछ लोगों का मानना है कि गंगा का पानी बीमारियों को ठीक कर सकता है.
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भी गंगा सर्वोपरि नदी है.
- गंगा नदी भारत और बांग्लादेश में 2525 किलोमीटर की यात्रा पूरी करती है.
- गंगा का एक हिस्सा शिव की जटाओं से निकलता है.
- गंगा नदी सबसे पवित्र मानी जाती है क्योंकि इसका पानी कभी खराब नहीं होता.


डिसक्लेमर
'यह जानकारी किसी भी तरह की सटीकता का दावा नहीं करती है. हिंदू धर्म के जानकारों, प्रवचनों, प्राचीन मान्यताओं और धर्मग्रंथों में मां नर्मदा को लेकर जो कहानियां संग्रहित हैं, उन्हीं के माध्यम से यह जानकारी दी गई है. यह केवल एक तरह की सामान्य जानकारी है, जो मां नर्मदा को लेकर आम लोगों में प्रचलित हैं. इसलिए ज्यादा जानकारी और सटीक प्रमाणिकता के लिए धर्म के जानकारों से संपर्क किया जा सकता है.'