प्रिया पांडे/भोपाल। दिग्विजय सिंह (digvijay singh) कांग्रेस अध्यक्ष की रेस से बाहर हो चुके हैं, उनकी जगह अब मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम सबसे आगे चल रहा है, खड़गें ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भी जमा कर दिया है. वहीं दिग्विजय सिंह के अध्यक्ष पद की रेस से बाहर होने के बाद एमपी की सियासत गर्मा गई है. बीजेपी के नेता लगातार कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (narottam mishra) ने कहा कि दिग्विजय सिंह वर्ग विशेष को लेकर राजनीति करते हैं. 


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कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव की दौड़ से दिग्विजय सिंह के बाहर होने पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ''दिग्विजय कभी दावेदार थे ही नहीं, मीडिया ने ही उन्हें दावेदार बना दिया था. दिग्विजय कभी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बन पाते, क्योंकि जिस तरह से वो वर्ग विशेष को लेकर राजनीति करते हैं उससे उनकी स्वीकार्यता भारतीय समाज में कभी रही नहीं.''


बची खुची कांग्रेस भी खत्म हो जाती 
नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि ''अगर दिग्विजय सिंह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन भी जाते तो सोनिया गांधी भी जानती थी कि उनके बनते ही बची खुची कांग्रेस भी खत्म हो जाती.'' बता दें कि एक वक्त तक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे चल रहे दिग्विजय सिंह अचानक से रेस में पीछे हो गए. 


खड़गे की दावेदारी के बाद हटे पीछे
दिग्विजय सिंह कल तक कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में आगे चल रहे थे, उन्होंने नामांकन पत्र भी खरीद लिया था. दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा था कि वह कल नामांकन जमा करेंगे. ऐसे में इस बात की चर्चा तेज हो गई थी, वह अध्यक्ष की रेस में आगे है. इतना ही नहीं मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 10 विधायक उनके प्रस्तावक बनने के लिए दिल्ली भी पहुंच गए थे. लेकिन जैसे ही कांग्रेस के सीनियर नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम अध्यक्ष पद के लिए सामने आया तो उन्होंने अपनी दावेदारी पीछे ले ली. 


वहीं प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भी बड़ा बयान देते हुए कहा था कि 'मुझे सुबह दिग्विजय सिंह ने फोन किया था, उन्होंने यह बात स्पष्ट कर दी है कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नॉमिनेशन नहीं भरेंगे, दिग्विजय सिंह मल्लिकार्जुन खड़गे का साथ देंगे. इसके अलावा कमलनाथ ने कहा कि मेरा वोट मल्लिकार्जुन खड़गे को जाएगा क्योंकि वो नामांकन भर रहे हैं और वो राज्यसभा के सदस्य हैं, मलिकार्जुन खड़गे वरिष्ठ है और दक्षिण से हैं दक्षिण को भी प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए. दिग्विजय सिंह 10 साल मुख्यमंत्री रहे और एक अच्छे नेता हैं उनको मध्य प्रदेश के बारे में अच्छी जानकारी है.''