Narmadapuram News: नर्मदापुरम। कल-कल करती बहती नर्मदा मात्र मध्य प्रदेश की जीवन रेखा नहीं है. इसके साथ-साथ प्रदेश की राजनीति, संस्कृति और अर्थ व्यवस्था भी चलती है. इतनी ही नहीं ये देश प्रदेश के कई लोगों के लिए गंगा की तरह तो कई लोगों के लिए गंगा स पहले भी आस्था की केंद्र है. ऐसे में इसके इर्दगिर्द कई संदेश भी मिलते रहे हैं. आज के दौर में युवाओं के नया संदेश देनी की जिम्मेदारी उठाई है नासिक महाराष्ट्र के 4 सीनियर सिटीजन जो नर्मदा परिक्रमा करने निकले हैं.


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युवाओं को दे रहे हैं संदेश
सनातन धर्म मे नर्मदा परिक्रमा का अपना ही महत्व है. नाशिक महाराष्ट्र से चलकर नर्मदा परिक्रमावासी बीते 17 दिन से साइकल चलाकर नर्मदा परिक्रमा कर रहे हैं और इसी महत्व को बढ़ा रहे हैं. इनका कहना है मां नर्मदा की कृपा से हमको कोई दिक्कत नहीं होती. यह युवा बुजुर्ग आज की युवा जेनरेशन के लिए एक मिसाल कायम कर रहे हैं. साइकल चलाकर उन्हें अब आनन्द आ रहा है. श्रद्धालुओं का कहना है परिक्रमा कर आज की युवा पीढ़ी को संदेश दिया जा रहा है.


2 हजार किलोमीटर का किया सफर
नासिक के रहने वाले शंकर क्षीरसागर (63), कुंडाजी दागें (67), तुलसीराम पटोरे (63), बालासाहेब गबली (63) एक साथ यात्रा कर रहे हैं. इन्होंने 12 जनवरी को ओंकारेश्वर से साइकिल से नर्मदा परिक्रमा प्रारंभ की है. इन्होंने बताया कि ओंकारेश्वर से नर्मदा परिक्रमा प्रारंभ की थी. आज वो होशंगाबाद पहुंचे है. इसमें उन्होंने लगभग 2 हजार किमी का सफर कर लिया है. गुजरात में मीठी तलाई से घूम कर अब वो अमरकंटक जा रहे हैं. यहां मां दर्शन कर ओंकारेश्वर पहुंचेंगे.


17 दिन से कर रहे हैं नर्मदा परिक्रमा
नर्मदा परिक्रमा का हमारे सनातन में बड़ा महत्व है. श्रद्धालु पैदल और गाड़ियों से नर्मदा परिक्रमा करते है. लेकिन, साइकिल से नर्मदा परिक्रमा और वो भी 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों का काफी अच्छा संदेश देने वाला है. साइकिल से नर्मदा परिक्रमा वाले बुजुर्गों का कहना है कि अलग-अलग क्षेत्रों की सरकारी सर्विस कर चालीस साल तक एसी में बैठकर काम किया. 17 दिन से साइकिल चलाकर नर्मदा परिक्रमा कर रहे हैं.