National Panchayati Raj Day 2023: हर साल पंचायती राज मंत्रायल द्वारा 24 अप्रैल को राष्ट्रीय राज दिवस मनाया जाता है. इस बार इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी मध्यप्रदेश के रीवा दौरे पर हैं, जहां वे राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर आयोजित पंचायती राज सम्मेलन को संबोधित करेंगे. पंचायत राज का  मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों को गति प्रदान करना है. पंचायती राज को 73वें संविधान संशोधन के माध्यम से लागू किया गया था. तो चलिए आपको राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पर बताते हैं कि आखिर पंचायती राज क्या है? 


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पंचायती राज दिवस क्या है?
बता दें कि भारत में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस की शुरुआत साल 2010 में की गई थी. इस दिवस को मनाएं जाने की तारीख 24 अप्रैल इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन 73वां संविधान संशोधन देश में लागू किया था. ये दिवस 73वें संविधान संशोधन को दर्शाता है.


पीएम मोदी रीवा दौरे पर हैं, वो आज पंचायती सम्मेलन को संबोधित करेंगे.



पंचायत राज के नौ विषय इस प्रकार है
इन विषयों पर ध्यान केंद्रित करते हुए पंचायती राज काम कर रहा है. 


- गरीबी से मुक्ति
- स्वस्थ गांव
- बच्चों के लिए अनुकूल गांव
- जल पर्याप्त गांव
- स्वच्छ और हरित गांव
- आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचे वाला गांव
- सामाजिक रुप से सुरक्षित, न्यायपूर्ण गांव
- सुशासन वाला गांव
- महिला मित्र गांव


पंचायती राज क्या है?
1950 में जब भारत का संविधान लागू हुआ तो अनुच्छेद 40 में पंचायत का उल्लेख किया गया है. पंचायती राज संस्थान जिसे शॉर्ट में पीआरआई भी कहा जाता है. इसे 73वें संविधान संशोधन अधिनियम के माध्यम से जमीनी स्तर पर लाया गया था. इसका संशोधन 1992 में किया गया. इसका मुख्य उद्देश्य जमीनी स्तर पर लोकतंत्र का निर्माण करना और इस देश के ग्रामीण विकास का कार्यभार सौंपा गया था.


पंचायती राज संस्थान ग्रामीण स्थानी स्वशासन प्रणाली है. जिसे स्थानीय लोगों द्वारा स्थानीय निकायों द्वारा स्थानीय मामलों के प्रबंधन के लिए चुना गया है. पंचायती राज में ई-गवर्नेंस को मजबूती देने और लोगों में पंचायतों के प्रति विश्वास रखने के लिए ई-ग्राम स्वराज को लॉंच किया गया था. इसके माध्यम से पंचायतों की योजना, लेखा और कार्य की निगरानी की जाती है.


भारत में कुल 2.51 लाख पंचायत
मीडिया रिपोर्ट में प्रकाशित आंकड़ों के मुताबिक भारत में कुल 2.51 पंचायतें हैं, जिनमें 2.39 लाख ग्राम पंचायतें, 6904 ब्लॉक पंचायत और 589 जिला पंचायतें शामिल हैं.  इन पंचायतों को 29 लाख से अधिक पंचायत प्रतिनिधि का समर्थन प्राप्त है.