Maa Chandraghanta puja: नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा के 9 रुपों की पूजा की जाती है. नवरात्र का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित होता है. मां चंद्रघटा अपने शांत और सौम्य स्वरूप के लिए जानी जाती है. मां चंद्रघंटा को गले में सफेद माला शोभा देती है और मां दुर्गा का यह स्वरूप बाघ की सवारी करता है. चंद्राघंटा मां की 10 भुजाएं हैं. आइए जानते हैं मां चंद्रघंटा की आरती, पूजा- विधि और मंत्र…


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नवरात्रि में किए ये काम तो देवी मां हो जाएगी नाराज, भूल कर भी न करें ये चीजें, जानिए


मां चंद्रघंटा की ऐसे करें पूजा
नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की  ऊं देवी चन्द्रघण्टायै नमः का जाप कर अराधना करनी चाहिए. फिर देवी को सिंदूर, अक्षत, गंध, पुष्प, धूप अर्पित करना चाहिए. देवी मां को लाल फूल या कोई चमेली का पुष्प अर्पित करना चाहिए. 


मां चंद्रघंटा को लगाएं ये भोग
मां चंद्रघंटा की पूजा के बाद केसर की खीर और दूध से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए. साथ ही, पंचामृत, चीनी व मिश्री भी मां को अर्पित करने से आप पर मां की कृपा बरसेगी. 


मां चंद्रघंटा का पूजन समय 
ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः 04 बजकर 36 मिनट से लेकर प्रातः 05 बजकर 24 मिनट तक
अमृत काल- रात 09 बजकर 12 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 47 मिनट तक


मां चंद्रघंटा की आरती
जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।
चंद्र समान तुम शीतल दाती
चंद्र तेज किरणों में समाती।
क्रोध को शांत करने वाली।
मीठे बोल सिखाने वाली।
मन की मालक मन भाती हो।
चंद्र घंटा तुम वरदाती हो।
सुंदर भाव को लाने वाली।
हर संकट मे बचाने वाली।
हर बुधवार जो तुझे ध्याये।
श्रद्धा सहित जो विनय सुनाएं।
मूर्ति चंद्र आकार बनाएं।
सन्मुख घी की ज्योति जलाएं।
शीश झुका कहे मन की बाता।
पूर्ण आस करो जगदाता।
कांचीपुर स्थान तुम्हारा।
करनाटिका में मान तुम्हारा।
नाम तेरा रटूं महारानी।
भक्त की रक्षा करो भवानी।