Neemuch News: मध्य प्रदेश के नीमच जिले से समर्पण की अद्भुत मिसाल पेश करने वाली खबर आई है. आमतौर पर जब कोई सरकारी नौकरी से रिटायर होता है तो नौकरी के आखिरी दिन की सुबह जुलूस निकलना शुरू हो जाता है. कुछ लोगों की सजी-धजी हुई कार में विदाई होती है. जबकि, कुछ को धूमधाम से बग्घी में बैठाकर उनके घर ले जाया जाता है, लेकिन नीमच जिले के जीरन थाने में पदस्थ सब इंस्पेक्टर आरसी खंडेवाल ने अपने काम के प्रति समर्पण दिखाया है.


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बता दें कि अपने रिटायरमेंट के आखिरी दिन भी उन्होंने अपने दैनिक कर्तव्यों का पालन किया और ड्यूटी के दौरान शहर में गश्त भी की. रिटायरमेंट पर सब इंस्पेक्टर ने ड्यूटी के प्रति जिम्मेदारी की ऐसी मिसाल पेश की कि कोई भी उनकी तारीफ किए बिना नहीं रह सका.


दरअसल, जीरन थाने में पदस्थ एसआई आरसी खंडेलवाल का 31 मई को रिटायरमेंट था. उनकी 42 साल की सेवा बहुत ही सरल और बेदाग रही. उनका संकल्प था कि रिटायरमेंट के आखिरी दिन भी वह अंतिम क्षण तक अपना कर्तव्य निभाकर विदाई लेंगे और उन्होंने वैसा ही किया. उन्होंने थाने में अपनी रोजाना की ड्यूटी पूरी की, कोर्ट, कचहरी का काम निपटाया और पेंडिंग केस निपटाने के बाद शहर में गश्त भी की. इसके बाद वे रात 11.59 मिनट पर थाने पहुंचे और बेहद सादगी भरे अंदाज में अपने थाना प्रभारी को सलामी दी, केप और बेल्ट सौंपी और सबसे विदाई लिया.


थाना प्रभारी ने किया सराहना
सब इंस्पेक्टर खंडेलवाल का कहना है कि जिस वर्दी ने जिंदगी बनाई और सेवा की जिम्मेदारी दी. उसके प्रति अंतिम क्षण तक वफादारी क्यों नहीं होनी चाहिए. खंडेलवाल को अपने पूरे नौकरी में कभी कोई बड़ी सजा नहीं मिली. जब देश में निर्भया कांड हुआ तो पहली महिला सेल का गठन हुआ तो खंडेलवाल को अपने 22 साथियों में से चुनकर इसका प्रभारी बनाया गया. इस पद पर रहते हुए उन्हें महिलाओं से संबंधित अपराधों में अपनी सेवा के लिए कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए. थाना प्रभारी मनोज सिंह ने भी उनकी कार्यशैली की सराहना की और सेवानिवृत्ति के अंतिम क्षण तक कर्तव्य के प्रति उनके जज्बे को सीखने वाला बताया और एसआई खंडेलवाल को शुभकामनाएं भी दीं.


रिपोर्ट: प्रीतेश शारदा (नीमच)