Umaria News: हमारे देश में शिक्षा को लेकर राज्यों, सरकार और प्रशासन की ओर से कई दावे किए जाते रहे हैं, लेकिन कभी न कभी ऐसी तस्वीर देखने को मिल जाती है जो शिक्षा की स्थिति पर सवाल खड़ा कर देती है. एमपी के उमरिया जिले में शिक्षण व्यवस्था की एक शर्मनाक तस्वीर सामने आई है. जिले के ग्राम कसेरु में 9 साल पहले शासकीय प्राथमिक विद्यालय तो खोल दिया गया, लेकिन आज तक भवन नहीं बन सका. लापरवाही का आलम यह है कि यहां आज भी झोपड़ी में स्कूल लग रहा है. 


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यहां स्कूल झोपड़ी बना कर चलाया जा रहा है. लकड़ी, घास फूस, पत्ते और पॉलिथीन के सहारे एक चौकोर कमरे नुमा झोपड़ी में छात्र अपने भविष्य की तैयारी करते दिखाई दे रहे हैं. भीषण ठंड, गर्मी और बारिश में भी इसी झोपड़ी में कठिनाइयों को सहन करते स्कूल संचालित हो रहा है. 



टाइगर रिजर्व सीमा पर
कसेरू गांव में संचालित हो रहा यह सरकारी स्कूल टाइगर रिजर्व की सीमा से लगा है. मौसम की मार झेल रहे इन नौनिहालों को हिंसक वन्य जीवों के हमले का भी खतरा बना रहता है. यहां करीब 36 से अधिक पहली से पांचवीं तक के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.  गांव वालो ने बताया कि भवन निर्माण के लिए दो बार राशि की मंजूरी दी गई, लेकिन बिल्डिंग अभी तक नहीं बन पाई है. छात्र स्कूल में मिलने वाले अपने मौलिक अधिकारों से वंचित हैं.


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कलेक्टर का भरोसा


जब छात्रों की कठिनाइयों की ग्राउंड रिपोर्ट की जानकारी कलेक्टर को बताई तो उन्होंने शीघ्र भवन निर्माण कराने का भरोसा दिया. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम आयोजित कर छात्रों को सुनहरा भविष्य गढ़ने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन उमरिया जिले में जिम्मेदार शिक्षा विभाग छात्रों को शिक्षा के साथ छात्रों को मिलने वाले माहौल और सुविधाओं से भी वंचित किए हुए है. देखना होगा कि कलेक्टर का भरोसा कब तक अमली जामा पहनता है और छात्रों को स्कूल की छत नसीब हो पाती है.


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