New Opium Policy: प्रीतेश शारदा/नीमच। केंद्र की मोदी सरकार की ओर से अफीम किसानों को बड़ी सौगात दी गई है. इसके लिए सरकार ने नई अफीम नीति 2022-23 जारी की है. इससे न सिर्फ किसानों को फायदा होगा, बल्की अफीन किसानों के बढ़ोतरी को लेकर भी संभावनाएं जताई जा रही है. इससे किसनों में काफी खुशी है.


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समान रूप से किसानों को मिलेंगे पट्टे
नई अफीन नीति के अनुसार, इस बार सभी किसानों को समान रूप से 10-10 आरी के पट्टे मिलेंगे. इसके अलावा 1998-99 तक के किसानों को सीपीएस पद्धति से पट्टे मिलेंगे. इससे क्षेत्र में रकबा बढ़ेगा. साथ ही किसानों की संख्या में भी इजाफा होगा.


कौन-कौन किसान होंगे पात्र
अफीम नीति के अनुसार, लासिंग पद्धति के अनुसार सभी किसान पात्र होंगे, जिन्होंने मार्फिन की औसत उपज 4.2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर दी है. इसके साथ ही सीपीएस पद्धति अंतर्गत वर्ष 2021-22 में जिन किसानों ने मार्फिन की औसत उपज 3.0 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तक दी हैं, वे किसान भी पात्र होंगे.


पुराने रद्द हुए लाइसेंस बहाल
नई अफीम नीति में सरकार ने पुराने यानी 1998 से लेकर वर्ष 2022 तक रद्द हुए लाइसेंस लाइसेंस को भी पात्रता दी है. कुल मिलाकर इस बार की अफीम नीति से कही ना कही किसान खुश दिखाई दे रहे हैं.


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जैनें क्या है नई नीति 2022-23
- सभी पात्र किसानों को 10-10 आरी के पट्टे दिए जाएंगे
- किसान 2 से अधिक भूखंडों पर अफीम की बुवाई नहीं कर सकते हैं
- काश्तकार यदि चाहे तो लाइसेंस प्राप्त करने के लिए पट्टे पर दूसरों की भूमि ले सकता है
- आगामी वर्ष 2022-23 में प्रति हेक्टेयर 5.9 किलोग्राम मार्फिन देनी होगी
- 2019-20, 2020-21 व 2021-22 के दौरान फसल की जुताई करने वाले किसानों को वर्ष 2023-24 के लिए पात्र नहीं माना जाएगा
- लुइनी-चिरनी में 4.2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से ऊपर मार्फिन देने वाले किसानों को भी 10-10 आरी के पट्टे दिए जाएंगे
- 1999 से 2021 तक 6 प्रतिशत से अधिक मार्फिन देने वाले किसानों को भी पट्टे दिए जाएंगे
- सीपीएस पद्धति में 3 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से ऊपर और 4.2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से नीचे मार्फिन देने वालों को भी 10-10 आरी के पट्टे दिए जाएंगे


किसानों में खुशी
बता दें मध्य प्रदेश के नीमच और मंदसौर जिलों में यानि मालवा-मेवाड़ में हजारों अफीम किसान हैं. केंद्र सरकार के द्वारा अफीम किसानों की लाइसेंस जारी किये जाते हैं. ये सभी किसान नई अफीम नीति से खुश है. इससे उन्हें ज्यादा उत्पादन के लिए प्रोत्साहन मिलेगा.