करतार सिंह राजपुत/ग्वालियरः मध्य प्रदेश में 7 फरवरी को आयोजित NHM यानी नेशनल हेल्थ मिशन की परीक्षा के पेपर लीक (NHM Paper Leak Case) मामले में पकड़े गए आरोपियों का खुलासा हो गया है. इसके बाद पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम प्रयागराज (prayagraj) और भोपाल (bhopal) में डेरा जमाए हुए हैं. इस बीच मुख्य आरोपियों के पड़ोसी देशों में भागने की आशंका के चलते उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी करने की तैयारी पूरी हो चुकी है. शनिवार रात तक पुलिस यह प्रक्रिया पूरी कर लेने का दावा कर रही है.


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इन आरोपियों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी करने का फैसला
गौरतलब है कि मंगलवार को स्टाफ नर्स संविदा के लिए पूरे मध्य प्रदेश में एनएचएम ने परीक्षा का आयोजन किया था. लेकिन सोमवार रात से ही यह पेपर लीक होने और उसका लाखों रुपए में सौदा होने की चर्चा के बाद पुलिस सक्रिय हुई. इसके बाद टेकनपुर के कृष्णा होटल में छापामार कार्रवाई कर आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया. लेकिन मास्टरमाइंड पुष्कर पांडे और उसका साथी पुलिस के हाथ नहीं आ सके. चार दिन की खोजबीन के बाद अब पुलिस ने इनके लिए लुकआउट सर्कुलर जारी करने का फैसला किया है. जिससे इन रैकेटियर्स के विदेश भागने की संभावनाओं पर रोक लगाई जा सके. पांच आरोपियों को पुलिस ने कोर्ट के आदेश के बाद 15 फरवरी तक अपनी रिमांड में ले रखा है. वहीं तीन आरोपियों की रिमांड सोमवार को खत्म हो रही है.


जानिए क्या कहा एसपी ने!
एमपी एनएचएम पेपर लीक मामले की जांच कर रहे एडिशनल एसपी ऋषिकेश मीणा का कहना है कि पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं. उत्तर प्रदेश में ही पुष्कर पांडेय एक अन्य में परीक्षा के पेपर लीक मामले में पूर्व में गिरफ्तार हो चुका है. वह इस तरह के षड़यंत्रों के लिए बदनाम है. पुलिस का कहना है कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है, यदि पूछताछ में नए खुलासे होते हैं तो आरोपियों के रिमांड के लिए न्यायालय से दोबारा रिमांड लिया जा सकता है. पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ है कि पुष्कर पांडे और उसकी गैंग के सदस्यों ने अपने लोकल संपर्कों के जरिए परीक्षार्थियों से 2 से तीन लाख रुपए वसूलने की तैयारी कर ली थी.


जानिए कैसे करती थी संपर्क?
इस मामले में जिन दो दर्जन अन्य लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था. उनमें से कई परीक्षार्थी हैं. वहीं कई लोग उनके अभिभावक भी थे. यह गिरोह अपने लोकल संपर्कों के जरिए इस तरह की परीक्षा में परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों से संपर्क गांठता है. सौदा होने के बाद मध्यस्थ बने लोगों को मोटे कमीशन का लालच दिया जाता था. पुष्कर पांडे नामक मास्टरमाइंड के घटना वाले दिन भोपाल में होने की भी पुष्टि क्राइम ब्रांच पुलिस को हुई है. इसके आधार पर पुष्कर और उसके साथी को घेरने के लिए दो टीमें अलग-अलग शहरों में रवाना की गई है.


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