भोपालः ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) के मुद्दे पर शिवराज सरकार एक्शन में दिखाई दे रही है. दरअसल आगामी 17 जनवरी को ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में सुनवाई होनी है. ऐसे में सरकार सुनवाई से पहले अपनी तैयारी में जुटी है ताकि कोर्ट में मजबूती से अपना पक्ष रखा जा सके. इस मुद्दे पर शिवराज सरकार की आज अहम बैठक होने जा रही है. इस बैठक में इस बात पर चर्चा हो सकती है कि सुप्रीम कोर्ट में किस तरह से मजबूती से अपना पक्ष रखा जाए.


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ये है सरकार की तैयारी
बता दें कि सरकार प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के लोगों की गिनती करा रही है. इस गिनती के आंकड़े सरकार सुप्रीम कोर्ट में पेश करेगी. सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों से यह आंकड़ें देने को कहा है. इस काम के लिए सरकार की तरफ से 22 हजार पंचायत सचिवों, 12 हजार पटवारियों और 20 हजार रोजगार सहायकों को लगाया गया है. 


ट्रिपल टेस्ट के लिए जरूरी
गौरतलब है कि ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट की शर्त को पूरा करना जरूरी है. इसके तहत राज्य में एक पिछड़ा वर्ग आयोग होना चाहिए. पिछड़ा वर्ग आयोग के पास राज्य में ओबीसी मतदाताओं की आर्थिक सामाजिक स्थिति के पूरे आंकड़े होने चाहिए, जिनके आधार पर आरक्षण की सीमा तय की जा सके. साथ ही कुल आरक्षण 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए. यही वजह है कि प्रदेश सरकार ओबीसी के आंकड़े जुटा रही है, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जा सकता है. 


पिछड़ा वर्ग मोर्चा करेगा सीएम का अभिनंदन
आज की बैठक में भाजपा का पिछड़ा वर्ग मोर्चा सीएम शिवराज सिंह का अभिनंदन करेगा. मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भगत सिंह कुशवाहा का कहना है कि सीएम लगातार पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं. राज्य में पिछड़ा वर्ग कल्याण के लिए आयोग का गठन किया और अब आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं.