प्रमोद शर्मा/भोपालः कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने बीते दिनों ऐलान किया था कि राज्य में उनकी पार्टी की सरकार बनने पर फिर से पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी. हालांकि बीजेपी सरकार इसे लागू करने के हक में नहीं है. वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में साफ कहा कि एमपी में सरकारी कर्मचारियों की पेंशन बहाली नहीं होगी. देवड़ा ने कहा कि 2005 के बाद नियुक्त हुए अधिकारियों-कर्मचारियों को पेंशन देने का कोई प्रस्ताव नहीं है. 


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वित्त मंत्री ने विधानसभा के शीत कालीन सत्र के दौरान कांग्रेस नेता पीसी शर्मा के एक सवाल के जवाब में बताया कि पुरानी पेंशन व्यवस्था और संविदा कर्मियों को लेकर सरकार की कोई योजना नहीं है. बता दें कि पीसी शर्मा ने कहा कि हम अपने वचन पत्र में पुरानी पेंशन बहाली और संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वचन देंगे. कांग्रेस ने सरकार पर कर्मचारियों और अधिकारियों की विरोधी होने का भी आरोप लगाया. 


कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने भी पलटवार किया और कहा कि कांग्रेस पहले 2018 का वचन पत्र पूरा करे. बीजेपी ने कहा कि यह अलग-अलग वर्ग को गुमराह करने की साजिश है. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस शासित राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू हो चुकी है. वहीं पंजाब में भी इसे लागू करने की तैयारी चल रही है. कमलनाथ भी ऐलान कर चुके हैं कि कांग्रेस की सरकार बनने पर मध्य प्रदेश में भी इसे लागू किया जाएगा.


हालांकि पुरानी पेंशन योजना को लागू करने से सरकारी खजाने पर बहुत बोझ पड़ेगा. साथ ही कई राज्यों की आर्थिक हालत ठीक नहीं है और उन पर भारी कर्ज है. ऐसे में पुरानी पेंशन योजना लागू करना घातक कदम भी हो सकता है. यही वजह है कि कई राज्य पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के पक्ष में नहीं हैं. मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार ने स्पष्ट कर ही दिया है कि फिलहाल पुरानी पेंशन योजना लागू करने का उनका कोई इरादा नहीं है.