भोपालः विश्व की सबसे बड़ी तैरती सौर परियोजना की आज एमपी के खंडवा (Khandwa) में शुरुआत होने जा रही है. बता दें कि ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना (Omkareshwar Floating Solar Plant) के पहले चरण के लिए आज अनुबंध पर हस्ताक्षर होंगे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. उनके अलावा ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग भी कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. 


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दोपहर 12 बजे भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में यह कार्यक्रम होगा. परियोजना के तहत बांध के बैक वाटर पर हजारों सोलर पैनल्स लगाए जाएंगे. नर्मदा नदी के बैक वाटर पर करीब 2 हजार हेक्टेयर में सोलर पैनल्स लगाए जाएंगे. जहां से बिजली तैयार होगी, जिससे प्रदेश के कई शहर रौशन होंगे. 600 मेगावॉट की परियोजना के पहले चरण में 278 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा. 


जानिए क्यों खास है ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर परियोजना (Omkareshwar Floating Solar Plant)
ओंकारेश्वर सोलर प्लांट दुनिया का सबसे बड़ा तैरता सोलर एनर्जी प्लांट है.जिसमें सोलर प्लांट पानी पर तैरते रहेंगे. यह खंडवा में नर्मदा नदी के ओंकारेश्वर बांध पर बनाया जाएगा. जलस्तर कम होने पर सोलर प्लांट अपने आप ऊपर या नीचे की तरफ एडजस्ट हो जाएंगे. तेज लहरों की स्थिति में भी सोलर प्लांट पर कोई असर नहीं होगा और सूरज की किरणों से लगातार बिजली का उत्पादन होता रहेगा. साथ ही इससे पानी का वाष्पीकरण भी रुकेगा. 


इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 3000 करोड़ रुपए है. मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण  और नर्मदा हाइड्रोइलेक्ट्रिक डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन का यह प्रोजेक्ट संयुक्त उपक्रम है. इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन, वर्ल्ड बैंक और पावर ग्रिड ने इस प्रोजेक्ट की फंडिंग की है. इस प्लांट से हर साल करीब 1200 मिलियन यूनिट सोलर बिजली का उत्पादन हो सकेगा. 600 मेगावॉट के इस प्रोजेक्ट में से 400 मेगावॉट बिजली मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट  कंपनी द्वारा खरीदी जाएगी. इस प्रोजेक्ट से सस्ती और गुणवत्तापूर्ण बिजली मिलेगी.