नई दिल्लीः Oranges Farming Process: भारत में फलों की खेती पर अधिक जोर दिया जाता है, यहां केला, आम, अमरूद के बाद सबसे ज्यादा संतरे की खेती ही होती है. नींबूवर्गीय फलों की खेती करने वाले किसान 50 फीसदी संतरे की खेती ही करते हैं. देश में व्यवसाय के लिए संतरा और माल्टा की खेती की जाती है. स्पेशल वातावरण वाले इलाकों में संतरे की खेती पर विशेष जोर दिया जाता है. आप भी संतरे की खेती कर मुनाफा कमाना चाहते हैं तो हम आपके लिए लेकर आए हैं बीज उगाने से लेकर बाग स्थापना तक की पूरी जानकारी. 


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कलम खरीदते वक्त रखें ध्यान
संरक्षित पौधशाला से ही संतरे के रोगमुक्त पौधों को खरीदा जाना चाहिए. यह फाइटोप्थारा फंफूद व विषाणु रोग से मुक्त होते हैं. रंगपुर लाइम या जम्बेरी मूलवंत तैयार कलम किए हुए पौधों को ही लेना चाहिए. सीधी व रोगमुक्त कलमों का प्रयोग ही होना चाहिए. इनकी ऊंचाई लगभग 60 सेंटीमीटर हो और जमीन की सतह से बडिंग 25 सेंटीमीटर ऊंचाई पर होना चाहिए.


कलमों में भरपूर तंतु मूल जड़ें होना चाहिए, जमीन से निकालने में जड़ें टूटनी भी नहीं चाहिए और जड़ों पर कोई जख्म भी नहीं होना चाहिए.


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इस तरह तैयार करें खेत
वैज्ञानिकों ने बताया कि पौधे लगाने के लिए गहरी काली मिट्टी या रेत मिश्रित वालुकामय खेत संतरों के लिए अच्छा माना जाता है. गर्मी के मौसम से एक महीने पहले पौधे लगाने के लिए भरी जमीन पर 6*6 मीटर हल्की जमीन पर 5.5*5.5 मीटर पर मार्क करके 75*75*75 सेंटीमीटर के गड्ढों को खोदकर उसे एक महीने के लिए धूप में वैसा ही छोड़ देना चाहिए.


ऐसा करने से धूप में हानिकारक कीड़े मर जाते हैं. उसके बाद गड्ढे भरने के लिए मिट्टी के साथ प्रति गड्ढा 20 किलो सड़ी हुई गोबर की खाद के साथ 500 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट, 500 ग्राम नीम खली और 10 ग्राम कार्बेन्डाजिम का उपयोग किया जाना चाहिए. 


जून से दिसंबर तक लगाए जाते हैं पौधे
वैज्ञानिकों के अनुसार सड़ी गोबर की खाद या उपजाऊ मिट्टी पर 5 किलो नीम की सड़ी खाद, 1 किलो सुपर फास्फेट और 50 ग्राम कीटनाशक पाउडर के मिश्रण से गड्ढे भरे जाते हैं. ध्यान रहें कि लगाने के दौरान पौधे जमीन से 3 इंच ऊपर रहे. हमारे देश में संतरों को जून से दिसंबर माह के दौरान लगाया जाता है. इस प्रकार 6*6 मीटर अंतर पर एक हेक्टेयर में 277 पौधे लगाए जा सकते हैं. 


अगर जमीन हल्की हो तो 5.5*5.5 मीटर या फिर 5*5 मीटर के अंतर hj 300 से 400 पौधे भी लगाए जा सकते हैं. 


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