MP News: कमलनाथ के गढ़ में कथा करेंगे पं.धीरेंद्र शास्त्री, जानें कब से कब तक चलेगी कथा
Dhirendra Shastri: पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Shastri ) छिंदवाड़ा में 4 दिन कथा वाचन करेंगे. इसके साथ ही राम राम सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन होगा.
सचिन गुप्ता/छतरपुर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर में स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Shastri )छिंदवाड़ा में चार दिन कथा करेंगे. कथा स्थल के लिए नागपुर रोड स्थित सिद्ध सिमरिया धाम का चयन किया गया है. आयोजन को लेकर तैयारियां जोरों पर है. वहीं छिंदवाड़ा जिले के समस्त ब्लॉक स्तर पर विद्यार्थियों के लिए राम-राम सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है जिसके पंजीयन ऑनलाइन होंगे.
इस दिन किया जाएगा कथा का आयोजन
बागेश्वर धाम पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा और प्रतियोगिता को लेकर आयोजन समिति के सदस्यों द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी गई. 4 अगस्त से 7 अगस्त तक कथा का आयोजन किया जाएगा. आयोजन समिति के सदस्यों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राम राम सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के विद्यार्थियों को तुलसीदास रचित रामचरित मानस(बालकाण्ड एवं सुंदरकांड) पर आधारित वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी. इसमें शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं के लिए नियम लागू है.
ये छात्र ले सकेंगे हिस्सा
इस प्रतियोगिता में कक्षा 6वीं से कक्षा 12वी में अध्यनरत विद्यार्थियों ही हिस्सा ले सकते है. विद्यार्थी का वर्तमान में निर्धारित कक्षा में अध्यनरत होना अनिवार्य है. विद्यार्थी छिंदवाड़ा जिले का मूल निवासी होना चाहिए. प्रतियोगिता ऑफलाइन प्रत्येक विकासखंड स्तर पर आयोजित की जाएगी. परीक्षा केंद्रों की सूची व्हाट्सएप्प ग्रुप में ही दी जाएगी.
प्रतियोगिता के विजेता को पुरस्कार प्राप्त करने स्वयं आना अनिवार्य होगा. पंजीयन की अंतिम तिथि 20 जुलाई 2023 है. पंजीयन ऑनलाइन होगा. प्रथम 3 विजेताओं को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं सांसद नकुलनाथ द्वारा सम्मानित किया जाएगा. वस्तुनिष्ट प्रश्न तुलसीदास रचित रामचरित मानस(बालकाण्ड एवं सुंदरकांड) पर आधारित होंगे.
केदारनाथ को लेकर धीरेंद्र शास्त्री ने कही ये बात
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने एक निजी चैनल के इंटरव्यू में कहा कि, जब भी आप केदार नाथ जाएं तो यहां चित्र नहीं बल्कि चरित्र के लिए जाएं. साथ ही साथ कहा कि तीर्थ स्थल, मंदिर, विद्यालय गुरुओं का स्थान ये सब दर्शन का विषय है यहां पर प्रदर्शन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा कहा कि यहां पर भगवान का चरित्र खींचने की जरुरत है चित्र खींचने की जरुरत हैं.