महावत का हत्यारा हाथी गिरफ्तार, अब वन विभाग ने किया बेड़ियों में कैद
पन्ना टाइगर रिजर्व का फरार खूंखार हाथी रामबहादुर कड़ी मशक्कत के बाद ट्रेंकुलाइज कर बेड़ियों और जंजीरों से कैद किया गया है. यह हाथी बीते 4 जुलाई को अपने महावत की हत्या कर फरार चल रहा था.
पीयूष शुक्ला/पन्नाः पन्ना टाइगर रिजर्व का 55 वर्षीय नर हाथी रामबहादुर ने बीते 4 जुलाई को अपने ही महावत बुधराम रोटिया को बेरहमी के साथ दांत से दबाकर मार दिया था. इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद से यह हाथी जंगल में फरार हो गया. जिसे वन कर्मियों व महावतों की टीम द्वारा कड़ी मशक्कत के बाद ट्रेंकुलाइज कर बेड़ियों और जंजीरों से कैद किया गया है.
हाथी रामबहादूर हो चुका था आक्रामक
फील्ड डायरेक्टर उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद हाथी मस्ती में है. इसलिए वह आक्रामक और खतरनाक हो चुका है. हाथी को आबादी क्षेत्र के आसपास जाने से रोकने के लिए पूरी रात वन कर्मियों व महावतों की टीम उसे ट्रैक करती रही. उन्होंने बताया कि हाथी रामबहादुर इस कदर आक्रामक हो चुका है कि महावतों को डेढ़-दो सौ मीटर दूर से ही खदेड़ने लगता है. इसके बावजूद टीम पूरे समय हाथी का पीछा करती रही और हिनौता हाथी कैंप के पास कड़ी मशक्कत के बाद उसे ट्रेंकुलाइज करके पकड़ा गया. इसे भारी-भरकम बेडियों और मोटी-मोटी जंजीरों से बांधकर रखा गया है.
फील्ड डायरेक्टर ने उत्तम शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ के जंगल में पले बढ़े इस हाथी को वर्ष 1993 में पकड़ा गया था. उस समय हाथी की उम्र 25- 26 वर्ष के लगभग थी. महावत बुधराम तभी से इस हाथी के साथ हमेशा रहा है. क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर संजय टाइगर रिजर्व से नर हाथी रामबहादुर को पन्ना लाया गया था. हाथी के साथ ही महावत बुधराम भी पन्ना आया और तभी से वह निरंतर इस हाथी के सानिध्य में रहकर उसकी देखरेख करता रहा था.
दुनिया की सबसे बुजुर्ग हथिनी पर भी कर चुका है हमला
हाथी रामबहादूर ने दो साल पहले रेंजर रामभगत को दातों से दबाकर मार डाला था. वहीं इस हाथी के द्वारा दुनिया की सबसे बुजुर्ग हथिनी वत्सला पर भी दो बार प्राणघातक हमला किया जा चुका है.
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