Birth Place Bhagwan Parshuram: आज देश में भगवान परशुराम (Bhagwan Parshuram)का जन्मोत्सव धूम धाम से मनाया जा रहा है. जगह जगह कार्यक्रम आयोजित किया गया है. लोग एक दूसरे को बधाई दे रहे हैं. भगवान परशुराम का जन्म वैशाख मास की तृतीया तिथि को हुआ था. इसलिए हर साल वैशाख माह की तृतीया तिथि को भगवान का जन्मदिवस मनाया जाता है. भगवान परशुराम के जन्म स्थान को लेकर कई तरह की मान्यता प्रचलित है. इनका जन्म एमपी में भी माना जाता है.


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इस जगह हुआ था जन्म 
पौराणिक मान्यताओं के आधार पर कहा जाता है कि मध्य प्रदेश के इंदौर के महू में स्थित जानापाव कुटी के पास भगवान परशुराम का जन्म हुआ था. यह एक ऐतिहासिक धरोहर और तीर्थ स्थल माना जाता है. यहां जमद्गेश्वर महादेव और भगवान परशुराम का मंदिर बना हुआ है, जिसके दर्शन हेतु देश भर से लोग यहां आते है. बताया जाता है कि इसी कुटी में भगवान परशुराम ने जन्म लिया था इसके बाद शिक्षा ग्रहण करने कैलाश पर्वत पर चले गए थे जहां उन्होंने भगवान शिव से शस्त्र एवं शास्त्र की शिक्षा ग्रहण की थी.  


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नदियों का उद्गम स्थल
इसके अलावा जानापाव पहाड़ी से साढ़े 7 नदियां निकलती है. जिनमे कुछ नदियां यमुना एवं नर्मदा में जाकर मिलती है. चंबल, सुमरिया, गंभीर, अग्रेड, चोरल, कारम, बीरम और नेकेड़ेश्वरी नदियों का यह उदगम स्थल है. इन नदियों को लेकर कहा जाता है कि ये नदियां यमुना और नर्मदा नदी में जाकर मिलती हैं. साथ ही साथ बता दें कि इस पहाड़ी पर भगवान परशुराम के पिता जमदग्नि ऋषि भी तपस्या करते थे.


जन्मस्थल में मतभेद
भगवान परशुराम के जन्म स्थल को लेकर भी जानकारों में काफी मदभेद है. कुछ मान्यताओं के हिसाब से मध्य प्रदेश के इंदौर के महू में उनका जन्म स्थान माना जाता है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में घने जंगलों के बीच स्थित कलचा गांव में भी भगवान का जन्म स्थान माना जाता है. साथ ही साथ झारखंड में भी इनके जन्म स्थान को लेकर मान्यताएं हैं.